हर महीने में एक दिन बिना बैग स्कूल जाएंगे बच्चे, पढ़ाई की जगह सीखाई जाएगी ये चीजें Bagless Day

Bagless Day: मध्यप्रदेश के स्कूली छात्रों के लिए अच्छी खबर है. राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए एक अनूठी पहल की है. अब कक्षा 6 से 8 के बच्चों के लिए हर माह एक शनिवार को ‘बैगलेस डे’ मनाया जाएगा. इसका उद्देश्य छात्रों को किताबों से परे, विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सीखने और नए कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान करना है. इस निर्णय का सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा, जिससे वे क्रीएटिव, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक कौशल में निपुण बन सकेंगे.

बैगलेस डे का उद्देश्य

बैगलेस डे का उद्देश्य सिर्फ शारीरिक भार कम करना ही नहीं है, बल्कि छात्रों के मानसिक और क्रीएटिव विकास पर भी ध्यान देना है. राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयक को निर्देश दिए हैं कि बैगलेस डे के दौरान छात्रों के लिए ऐसी गतिविधियों का आयोजन किया जाए, जो उनके समग्र विकास में सहायक हों. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह कदम उठाया गया है ताकि छात्र 21वीं सदी के कौशल से परिचित हो सकें और एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें.

बैगलेस डे पर होने वाली प्रमुख गतिविधियाँ

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बैगलेस डे के दिन बच्चों के लिए शैक्षिक, सांस्कृतिक और व्यावहारिक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी. राज्य शिक्षा केन्द्र ने स्पष्ट किया है कि इस दिन बच्चों को आर्ट और क्राफ्ट, साहित्यिक गतिविधियाँ, खेती के आधुनिक तरीके और अन्य प्रकार के व्यावहारिक कौशल सिखाए जाएंगे. इसके तहत बच्चों को ड्राइंग, पेंटिंग, मिट्टी के खिलौने बनाना, मुखौटे, डॉल-मेकिंग जैसी रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिलेगा. इसके अलावा साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे लोकगीत, नृत्य, कविता पाठ और कहानी लेखन के माध्यम से उनका आत्मविश्वास और संचार कौशल बढ़ाया जाएगा.

वैज्ञानिक और पर्यावरणीय जागरूकता के लिए गतिविधियाँ

बैगलेस डे का एक और मुख्य उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पर्यावरणीय चेतना का विकास करना है. इस दिन बच्चों को खेती के आधुनिक तरीकों जैसे पॉलीफॉर्मिंग, ऑर्गेनिक फॉर्मिंग और औषधीय पौधों की जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही उन्हें कृषि उपकरणों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी ताकि वे नए और आधुनिक खेती के तरीकों से परिचित हो सकें. बच्चों को ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण, छोटे उद्योगों का दौरा और विभिन्न प्रकार के व्यवसायों जैसे मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन का ज्ञान भी दिया जाएगा. यह उन्हें जमीनी स्तर पर ज्ञान और अनुभव प्रदान करेगा.

स्थानीय भ्रमण और व्यावहारिक शिक्षा का अवसर

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बैगलेस डे के दौरान छात्रों को स्थानीय पुलिस थाने, बैंक, अस्पताल, अनाज मण्डी और हस्तशिल्प इकाइयों का भ्रमण कराया जाएगा. यह गतिविधियाँ छात्रों में जिज्ञासा और वास्तविक जीवन से जुड़े व्यावहारिक ज्ञान का विकास करेंगी. उन्हें यह समझने का अवसर मिलेगा कि बैंक और थाने जैसे संस्थान कैसे काम करते हैं और समाज के लिए उनका क्या महत्व है.

शारीरिक विकास पर भी जोर

बैगलेस डे के दौरान बच्चों के लिए खेल गतिविधियाँ भी कराई जाएंगी. इन खेलों के माध्यम से छात्रों में टीमवर्क, सहनशीलता और नेतृत्व गुणों का विकास होगा. खेल गतिविधियाँ न केवल उन्हें शारीरिक रूप से एक्टिव रखेंगी बल्कि उन्हें स्वस्थ जीवनशैली की ओर भी प्रेरित करेंगी. साथ ही यह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत करेगी.

बैगलेस डे के आयोजन की जिम्मेदारी

स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को यह निर्देश दिए हैं कि वे मिलकर बैगलेस डे के लिए गतिविधियों का एक कैलेंडर तैयार करें. प्रत्येक स्कूल में इस दिन की गतिविधियों को सुनियोजित तरीके से आयोजित किया जाएगा. सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि बैगलेस डे की गतिविधियों की जानकारी ई-मेल के माध्यम से राज्य शिक्षा केन्द्र को भेजें. इससे राज्य शिक्षा केन्द्र को इस दिन की गतिविधियों का फीडबैक मिलेगा, जिससे वे और सुधार कर सकें.

शीतकालीन अवकाश की भी हुई घोषणा

मध्यप्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए शीतकालीन अवकाश की भी घोषणा कर दी गई है. 31 दिसंबर 2024 से 4 जनवरी 2025 तक स्कूल बंद रहेंगे. 5 जनवरी को रविवार है, इसलिए 6 जनवरी से स्कूल फिर से खुलेंगे. इस अवकाश का लाभ 10वीं और 12वीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिया गया है.

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