Bank Account Rules : आजकल नौकरी बदलने के बाद अक्सर कर्मचारी नए बैंक खाते खोलते हैं, लेकिन पुराने खातों को बंद करने पर ध्यान नहीं देते. यह आदत आपके वित्तीय जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है. दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाले अमित चौहान इसका एक उदाहरण हैं, जिन्होंने नौकरी बदलने के बाद नए खाते तो खोल लिए, लेकिन पुराने खातों को इनेक्टिव छोड़ दिया. परिणामस्वरूप उनके एक इनेक्टिव खाते से धोखाधड़ी हो गई. यदि आपके पास भी इनेक्टिव बैंक खाते हैं, तो उन्हें जल्द बंद करना जरूरी है.
एक से ज्यादा बैंक खातों के नुकसान
1. सेविंग अकाउंट में तबदीली और पेनल्टी का खतरा
यदि सैलरी अकाउंट में तीन महीने तक कोई क्रेडिट नहीं होता, तो वह सेविंग अकाउंट में बदल जाता है. सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना जरूरी होता है. अगर बैलेंस न्यूनतम सीमा से कम हुआ, तो बैंक पेनल्टी काट सकता है. यह आपके वित्तीय बैलेंस को प्रभावित कर सकता है.
2. मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की समस्या
कई बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होता है. इससे आपकी बड़ी धनराशि बिना किसी उद्देश्य के बैंकों में फंसी रहती है. यह राशि अन्य निवेश विकल्पों में बेहतर रिटर्न दे सकती थी.
3. सर्विस चार्ज का अतिरिक्त बोझ
एक से अधिक बैंक खाते रखने पर आपको हर खाते के लिए सर्विस चार्ज चुकाना पड़ता है. अगर खाते का उपयोग नहीं हो रहा है, तो भी यह खर्चा अनावश्यक रूप से बढ़ता है.
4. क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव
निष्क्रिय खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने से आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है. क्रेडिट स्कोर खराब होने से भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है.
निष्क्रिय खाते कैसे बनते हैं धोखाधड़ी का शिकार?
निष्क्रिय बैंक खाते अक्सर धोखेबाजों के लिए आसान टारगेट बन जाते हैं.
- ऐसे खाते जिन्हें लंबे समय से मॉनिटर नहीं किया गया हो, उनमें फर्जी लेनदेन होने का खतरा रहता है.
- निष्क्रिय खातों का उपयोग पहचान की चोरी (Identity Theft) जैसे अपराधों के लिए भी किया जा सकता है.
इसलिए, यदि आपके पास ऐसे खाते हैं, तो उन्हें जल्द से जल्द बंद करना बेहतर है.
बैंक खाता बंद करने की प्रक्रिया
1. डी-लिंक फॉर्म भरें
खाता बंद कराने के लिए सबसे पहले बैंक से डी-लिंक फॉर्म प्राप्त करें.
- यह फॉर्म बैंक शाखा में उपलब्ध होता है.
- यदि खाता ज्वाइंट है, तो सभी खाताधारकों के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं.
2. बची हुई राशि ट्रांसफर करें
खाते में बची हुई राशि को दूसरे खाते में ट्रांसफर करें.
- राशि ₹20,000 से कम है, तो इसे नकद में निकाला जा सकता है.
- सुनिश्चित करें कि खाते में शेष राशि शून्य हो.
3. क्लोजर चार्ज का ध्यान रखें
यदि खाता खोलने के 14 दिन के भीतर बंद किया जाता है, तो बैंक कोई क्लोजर चार्ज नहीं लेता.
- एक साल के भीतर खाता बंद कराने पर बैंक मामूली चार्ज लगा सकता है.
4. चेकबुक और डेबिट कार्ड लौटाएं
खाता बंद करने से पहले बैंक को इस्तेमाल न की गई चेकबुक और डेबिट कार्ड लौटाना जरूरी है.
खाता बंद करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- बड़ी रकम का प्रबंधन करें: खाता बंद करने से पहले उसमें मौजूद बड़ी रकम को दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लें.
- अंतिम स्टेटमेंट रखें: खाता बंद होने के बाद का अंतिम स्टेटमेंट अपने रिकॉर्ड के लिए रखें.
- ऑटो-डेबिट और क्रेडिट को अपडेट करें: अगर खाता किसी ऑटो-डेबिट या क्रेडिट से जुड़ा है, तो उसे अपडेट करना न भूलें.