Bank Strike : पंजाब नेशनल बैंक (पी.एन.बी.) के हजारों अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला अखिल भारतीय पंजाब नेशनल बैंक अधिकारी महासंघ ने 26 और 27 दिसंबर 2024 को दो दिन की हड़ताल की घोषणा की है। इस हड़ताल का उद्देश्य काम और जीवन के बीच संतुलन स्थापित करना, कर्मचारियों की कमी को पूरा करना और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एन.पी.एस.) समेत कई अन्य मुद्दों का समाधान करवाना है। इस हड़ताल से देशभर में बैंकिंग सेवाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
हड़ताल का मुख्य उद्देश्य
अधिकारी महासंघ ने अपनी हड़ताल का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह कदम उनके लंबे समय से अनसुने मुद्दों को हल करवाने के लिए उठाया गया है। महासंघ ने आरोप लगाया है कि पी.एन.बी. प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों ने उनकी मांगों को बार-बार अनदेखा किया है।
महासंघ की मुख्य मांगें:
- 5 दिन का बैंकिंग सप्ताह लागू करना: इससे काम और जीवन के बीच बेहतर संतुलन बन सकेगा।
- मानव संसाधन की कमी को पूरा करना: बैंक में पर्याप्त कर्मचारियों की भर्ती करने की आवश्यकता।
- एन.पी.एस. सुधार: पेंशन फंड मैनेजर चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करना।
- भत्तों पर टैक्स का समाधान: भत्तों पर लगने वाले टैक्स का भुगतान बैंक द्वारा किया जाए।
- चिकित्सा सहायता: 1 नवंबर 2022 से 31 दिसंबर 2023 तक की अवधि के लिए चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।
लंबे समय से अनदेखी मांगों पर नाराजगी
महासंघ ने पी.एन.बी. प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि कर्मचारियों और अधिकारियों की समस्याओं को बार-बार नजरअंदाज किया गया है। कॉमरेड जतिंदर कुमार मल्होत्रा महासंघ के पंजाब प्रदेश महा सचिव ने बताया कि यह हड़ताल राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड कृष्णा कुमार के नेतृत्व में की जा रही है।
महासंघ का कहना है कि उनकी मांगें न केवल कर्मचारियों के हित में हैं, बल्कि बैंक के दीर्घकालिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
ट्रांसफर और डिजिटल टूल पर भी नाराजगी
महासंघ ने ट्रांसफर और लाभ प्रबंधन में भेदभाव के मुद्दे को भी उठाया है। उनका कहना है कि अधिकारियों का ट्रांसफर बिना उचित नीति और प्रक्रिया के किया जा रहा है।
साथ ही बैंक के डिजिटल टूल ‘उड़ान’ के जरिए परफ़ोरमेंस मूल्यांकन में कई खामियां पाई गई हैं। महासंघ का आरोप है कि इस डिजिटल प्रणाली के कारण कर्मचारियों को अनुचित परफ़ोरमेंस रेटिंग दी जा रही है, जिससे उनके करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
संभावित बैंकिंग सेवाएं बाधित
इस दो दिवसीय हड़ताल के दौरान देशभर में बैंकिंग सेवाओं के बाधित होने की संभावना है।
- चेक क्लीयरेंस: चेक और ड्राफ्ट जैसी सेवाओं में देरी हो सकती है।
- कैश डिपॉजिट और निकासी: शाखाओं में नकद लेनदेन प्रभावित हो सकता है।
- लोन और अन्य सेवाएं: लोन प्रोसेसिंग और अन्य बैंकिंग कार्य भी प्रभावित होंगे।
- ऑनलाइन सेवाओं पर दबाव: ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग बढ़ सकता है, जिससे सर्वर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे इन दो दिनों के दौरान अपने बैंकिंग कार्यों को पहले से ही निपटा लें।
पांच दिवसीय बैंकिंग सप्ताह की मांग
पांच दिवसीय बैंकिंग सप्ताह की मांग अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक प्रमुख मुद्दा बनी हुई है। महासंघ का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर में बढ़ते कार्यभार के कारण कर्मचारियों को पर्याप्त आराम और समय नहीं मिल पाता।