Free Ration Scheme: फ्री राशन योजना के तहत मिलने वाले अनाज में केंद्र सरकार ने कटौती की है. अब गरीब और जरूरतमंद लोगों को मिलने वाले फ्री राशन की मात्रा में बदलाव किया गया है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत बिहार को प्रति व्यक्ति मिलने वाले गेहूं और चावल की मात्रा में कटौती की गई है. इस बदलाव से राज्य में हजारों परिवारों पर असर पड़ सकता है, जो इस योजना के माध्यम से अपनी आवश्यकताएं पूरी करते हैं.
बिहार को आवंटित कोटे में कटौती
केंद्र सरकार ने फ्री राशन योजना के तहत बिहार को पहले 4,60,591 मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया था, जिसे अब घटाकर 4,42,386 मीट्रिक टन कर दिया गया है. इस कटौती के बाद बिहार सरकार ने नए नियमों के अनुसार जिलों का आवंटन भी घटा दिया है. इसमें 6,815 मीट्रिक टन चावल और 11,391 मीट्रिक टन गेहूं की कटौती की गई है.
भागलपुर जिले को कम अनाज का आवंटन
बिहार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने नए आवंटन के तहत भागलपुर जिले को 5,545 मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया है. यह आवंटन पहले की तुलना में कम है. जिला आपूर्ति अधिकारी के अनुसार पहले भागलपुर जिले को 3,473 एमटी गेहूं और 2,071 एमटी चावल मिलता था, लेकिन अब इसे घटाकर कुल 5,545 एमटी कर दिया गया है.
गरीबों पर पड़ेगा असर
इस कटौती का सबसे बड़ा असर बिहार के गरीब और जरूरतमंद लोगों पर पड़ेगा, जो इस योजना के जरिए अपनी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. फ्री राशन योजना के तहत गरीब परिवारों को हर महीने कम कीमत पर चावल और गेहूं मिलते हैं. अब राशन की मात्रा घटने से उन्हें कम अनाज मिलेगा, जिससे उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो पाएंगी.
जिलेवार आवंटन में भी कमी
इस कटौती के बाद बिहार के हर जिले को आवंटित अनाज की मात्रा में कमी आई है. भागलपुर जिले के साथ-साथ अन्य जिलों में भी गेहूं और चावल का आवंटन घटा है. इसके तहत भागलपुर के लिए पहले 1,33,042 मीट्रिक टन अनाज मिलता था, जो अब घटकर 1,27,497 मीट्रिक टन रह गया है. इस प्रकार प्रत्येक जिले को अनाज की कम मात्रा दी जाएगी.
क्या हैं नए आवंटन के नियम?
नए आवंटन नियम के अनुसार राज्य में प्रति व्यक्ति को मिलने वाले अनाज की मात्रा कम हो गई है. प्रत्येक लाभार्थी परिवार को अब पहले के मुकाबले कम अनाज मिलेगा. केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए नए नियम के अनुसार इस कमी का असर सभी जिलों में देखने को मिलेगा.
गरीब कल्याण योजना में अनाज की कटौती का कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार ने यह फैसला आर्थिक वजहों को ध्यान में रखते हुए किया है. सरकार ने खाद्य सब्सिडी में कमी और आर्थिक दबाव के कारण इस कटौती को लागू किया है. इसके अलावा केंद्र सरकार के लिए बढ़ती खाद्य कीमतों और आर्थिक स्थिति में स्थिरता लाने के प्रयासों को भी वजह बताया जा रहा है.
जिलेवार आवंटन पर आधारित नीतियां
बिहार में जिलों को आवंटित राशन की मात्रा का निर्धारण जिले की जनसंख्या और जरूरत के आधार पर किया जाता है. भागलपुर जैसे जिलों में आवंटन में कटौती से वहां के गरीबों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि विभाग के पास नए आवंटन के अनुरूप जिले के सभी लाभार्थियों को अनाज वितरित करने की योजना बनाई जा रही है.
फ्री राशन योजना से जुड़ी अन्य सेवाएं
फ्री राशन योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों को राशन कार्ड धारक होना अनिवार्य है. इस योजना के तहत सरकार की ओर से विभिन्न जिलों में मुफ्त में अनाज बांटा जाता है. लाभार्थियों को इसमें किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं मिलती, केवल कम कीमत पर अनाज मिलता है.
ग्रामीण इलाकों पर विशेष प्रभाव
फ्री राशन योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जरूरतमंद लोगों की एक बड़ी संख्या को लाभ मिलता है. इन इलाकों में गरीबी और बेरोजगारी की समस्या अधिक होने के कारण लोग इस योजना पर निर्भर होते हैं. इस कटौती से ग्रामीण इलाकों में संकट और बढ़ सकता है, जिससे लोग भोजन की कमी का सामना कर सकते हैं.