Free Things in Anganwadi : भारत सरकार ने बच्चों और महिलाओं के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है आंगनबाड़ी योजना, जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करती है. 1975 में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य कुपोषण, भूख और शिक्षा के अभाव को समाप्त करना है. आइए जानते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र किस तरह देश के लाखों बच्चों और महिलाओं के जीवन को सशक्त बना रहे हैं.
फ्री में मिलती हैं कई सुविधाएं Free Things in Anganwadi
आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों को न केवल पोषण आहार उपलब्ध कराते हैं, बल्कि उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी ध्यान देते हैं. छह माह से छह साल तक के बच्चों को केंद्र पर पोषण युक्त आहार जैसे खिचड़ी, दलिया, चावल-दाल, और दूध दिया जाता है. इसके अलावा बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त टीकाकरण की सुविधा भी उपलब्ध है.
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को भी पौष्टिक आहार दिया जाता है. यह सुविधा विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए दी जाती है.
प्राथमिक शिक्षा का आधार
आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों को तीन साल की उम्र से प्राथमिक शिक्षा देना शुरू करते हैं. छह साल तक की उम्र तक के बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है. यह बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में प्रवेश करने के लिए तैयार करता है. इसके अलावा बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए कई गतिविधियां कराई जाती हैं.
बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान
आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच करते हैं. उनके वजन और ऊंचाई की निगरानी की जाती है, ताकि उनके विकास पर नजर रखी जा सके. साथ ही बच्चों को विटामिन सप्लीमेंट्स भी दिए जाते हैं, जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं के तहत बच्चों को पोलियो, खसरा और अन्य गंभीर बीमारियों के टीके मुफ्त में लगाए जाते हैं. यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी बच्चों को आवश्यक टीकाकरण मिल सके.
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुविधाएं
आंगनबाड़ी केंद्र केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं हैं. यहां गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी सुविधाएं दी जाती हैं. उन्हें पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान की जाती है. गर्भावस्था के दौरान नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण की सुविधा भी दी जाती है.
14 लाख से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र
आज भारत में 14 लाख से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं. हर केंद्र में लगभग 25 कार्यकर्ता होते हैं, जिनकी देखरेख के लिए एक आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाता है. इन केंद्रों की संख्या और उनकी कार्यक्षमता यह दिखाती है कि सरकार बच्चों और महिलाओं के पोषण और शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता योजना की रीढ़ माने जाते हैं. वे घर-घर जाकर बच्चों और महिलाओं को केंद्र तक लाने का काम करते हैं. उनका मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को योजना का लाभ देना है. कार्यकर्ता पोषण आहार वितरित करते हैं, स्वास्थ्य जांच करवाते हैं और प्राथमिक शिक्षा प्रदान करते हैं.