हालात बिगड़ते देख पूरे इलाके में इंटरनेट पर लगा बैन, जाने क्या है पूरा मामला Internet Ban

Internet Ban: राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के खिलाफ जमकर हंगामा हो रहा है. यह मामला तब तूल पकड़ गया जब नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया और उनका हाथ पकड़कर खींच लिया. इस घटना के बाद से पूरे इलाके में बवाल मच गया और नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आरएएस एसोसिएशन ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपील की है. हालांकि जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, तो उनके समर्थकों ने नरेश मीणा को छुड़ा लिया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई.

पुलिस बल की तैनाती और टोंक में सुरक्षा कड़ी

इस घटना के बाद प्रशासन ने हालात को नियंत्रित करने के लिए देवली-उनियारा क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया है. टोंक जिले में पुलिस अधिकारियों का डेरा लग चुका है और बड़ी संख्या में फोर्स को बुलाया गया है. पुलिस द्वारा किए गए उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 60 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसके साथ ही घटनास्थल पर आगजनी और तोड़फोड़ के बाद हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है, और यह तय किया जा रहा है कि इस नुकसान की वसूली नरेश मीणा से की जाएगी. इस आगजनी के बाद पूरे इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया।

समरावता गांव में जबरन वोटिंग का विरोध

WhatsApp WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे

समरावता गांव जो देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, में यह घटनाक्रम हुआ. नरेश मीणा ने प्रशासन पर जबरन वोटिंग का आरोप लगाते हुए विरोध शुरू किया. उनका कहना था कि प्रशासन पक्षपाती है और लोगों को वोट डालने के लिए दबाव डाला जा रहा है. इसी दौरान एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी और नरेश मीणा के बीच तगड़ा विवाद हुआ, जिसके बाद नरेश मीणा ने गुस्से में आकर एरिया मजिस्ट्रेट को थप्पड़ मार दिया. इसके बाद उन्होंने धरना शुरू कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. बढ़ते विवाद को देखते हुए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया और स्थिति को नियंत्रित किया.

सोशल मीडिया पर नरेश मीणा की चुनौती

इतना सब होने के बावजूद नरेश मीणा का तेवर बिल्कुल भी ढीला नहीं पड़ा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह कह रहे हैं, “मैं ठीक हूं, ना डरता था, ना डरूंगा. आगे की रणनीति जल्द ही बताई जाएगी.” उनकी इस चुनौतीपूर्ण स्थिति ने पुलिस को और भी चुनौती दे दी है, क्योंकि अब पुलिस उन सभी लोगों को पकड़ने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने बवाल और उपद्रव किया था.

पथराव और हमले में घायल हुए सुरक्षाकर्मी

WhatsApp WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे

बुधवार को देवली-उनियारा में उपचुनाव के बाद नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया. इस हमले में कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. घायलों में पुलिसकर्मी महिपाल, जितेन्द्र, विरेन्द्र, रमेश, बद्रिलाल, रामप्रसाद, रामभजन, योगराज, सुरेन्द्र, बाबूलाल, हनुमान, जयप्रकाश और दयाराम मुकेश सहित एक महिला कांस्टेबल भी शामिल है. इन घायलों को इलाज के लिए टोंक सआदत अस्ताल भेजा गया है, और उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है. इस हमले से प्रशासन और पुलिस पर दबाव बढ़ गया है, और हालात को काबू करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं.

नरेश मीणा पर दर्ज मामलों की लंबी सूची

नरेश मीणा का राजनीतिक इतिहास भी विवादों से भरा हुआ है. उनके खिलाफ विभिन्न थानों में 15 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से अधिकतर केस मारपीट, बवाल और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़े हैं. इन मामलों में से कई मुकदमे तो पिछले दो साल के भीतर दर्ज किए गए हैं. इस पर प्रशासन अब नरेश मीणा की गिरफ्तारी के लिए पूरी तैयारी कर रहा है, और पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है. डीआईजी और आईजी भी मौके पर पहुंचे हैं और नरेश मीणा को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की योजना बनाई जा रही है.

बड़ा सुरक्षा बल और प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी

हालात बिगड़ते देख एसपी विकास सांगवान ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इससे पहले एडिशनल एसपी ब्रजेन्द्र सिंह भाटी ने भारी पुलिस बल और अर्ध सैनिक बल के जवानों को तैनात किया था. फिलहाल समरावता गांव में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, और वहां पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है. पुलिस को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और जल्द से जल्द नरेश मीणा को गिरफ्तार करें.

नरेश मीणा का राजनीतिक भविष्य और आरोप

नरेश मीणा पर जो गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, वे उनके राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा सकते हैं. उनका यह व्यवहार न केवल प्रशासन के लिए एक चुनौती बना है, बल्कि उनके समर्थकों के बीच भी एक बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है. उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद की स्थिति पर राजनीति भी गर्माने वाली है, क्योंकि इस पूरे मामले में उनके समर्थक किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. इसके अलावा, पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, और विपक्षी नेताओं के बयानों का इंतजार किया जा रहा है.

Leave a Comment