यूपी के इस जिले में इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक, जाने क्या है पूरा मामला Internet Ban

Internet Ban: उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार सुबह हुई हिंसा के बाद शहर में तनाव का माहौल है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं और इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर दिया है. शहर के बड़े हिस्से में कर्फ्यू जैसे हालात हैं. हिंसा के मामले में पुलिस ने 2500 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें संभल के सांसद और विधायक के बेटे भी शामिल हैं. अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

सांसद और विधायक के परिवार पर केस दर्ज

संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ दंगा भड़काने और हिंसा फैलाने का मामला दर्ज किया गया है. प्रशासन ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए नेताओं की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन आरोपों के चलते शहर में राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है.

30 थानों की पुलिस तैनात

हिंसा की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुरादाबाद रेंज के 30 थानों की पुलिस को संभल में तैनात किया गया है. इसके अलावा प्रशासन के आला अधिकारी लगातार क्षेत्र में नजर बनाए हुए हैं. आम जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बनाए रखने की अपील की जा रही है.

शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद

संभल हिंसा का मुख्य कारण शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कोर्ट में दायर मामला है. रविवार सुबह 7 बजे जब कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था, तभी अचानक भीड़ इकट्ठा हो गई. इस दौरान पुलिस ने भीड़ को रोका, लेकिन पथराव शुरू हो गया. हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे.

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5 लोगों की मौ.त, कई घा.यल

इस घटना में अब तक 5 लोगों की मौ.त हो चुकी है. कई अन्य लोग घायल हैं और पुलिस की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया है. म.रने वालों में नोमान, बिलाल और नईम शामिल हैं. प्रशासन ने जानकारी दी है कि एक व्यक्ति की मौ.त गो,ली लगने से हुई है.

ड्रोन और सीसीटीवी से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान

मुरादाबाद कमिश्नर ने बताया कि घटना की जांच के लिए ड्रोन और सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया जा रहा है. फुटेज के आधार पर हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बोतल और पत्थर खरीदने पर रोक

हिंसा को देखते हुए उप जिला मजिस्ट्रेट ने सोडा की बोतलें, पत्थर और अन्य ज्वलनशील सामग्री खरीदने और रखने पर रोक लगा दी है. साथ ही सड़क पर पड़ी भवन निर्माण सामग्री को जब्त करने के आदेश दिए गए हैं. ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश भी जारी किया गया है.

हिंसा प्रभावित क्षेत्र में नेताओं की एंट्री पर रोक

प्रशासन ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र में नेताओं और बाहरी व्यक्तियों की एंट्री पर सख्त रोक लगा दी है. इससे उद्देश्य है कि स्थिति और अधिक न बिगड़े. किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है.

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इंटरनेट सेवाएं बंद

शहर में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके. प्रशासन और पुलिस ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही, किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी साझा करने पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई

हिंसा के बाद प्रशासन ने क्षेत्र में पुलिस बल की भारी तैनाती की है. घटनास्थल पर वरिष्ठ अधिकारी लगातार दौरा कर रहे हैं. हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ दंगा फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है.

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