FASTag Update: देशभर में टोल भुगतान को आसान बनाने के लिए सरकार और एनएचएआई ने फास्टैग की शुरुआत की थी. यह डिजिटल प्रणाली न केवल समय बचाती है, बल्कि वाहन चालकों के लिए टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों से भी छुटकारा दिलाती है. फास्टैग के जरिए टोल भुगतान करने से कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलता है. लेकिन समय-समय पर इसके नियमों में बदलाव किए जाते हैं. हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फास्टैग के लिए एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी.
क्या है फास्टैग के नए नियम?
आरबीआई ने फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) को ई-मेंडेट सिस्टम से जोड़ने का फैसला किया है.
- क्या होगा फायदा?
अब जैसे ही आपके फास्टैग का बैलेंस तय सीमा से कम होगा, आपके बैंक खाते से ऑटोमैटिक पैसे कटकर फास्टैग में रिचार्ज हो जाएंगे. - समस्या से राहत:
यूजर्स को बार-बार फास्टैग रिचार्ज करने की चिंता नहीं करनी होगी.
झंझट खत्म, सुविधा बढ़ी
आरबीआई के इस बदलाव के बाद फास्टैग यूजर्स को रिचार्ज का झंझट खत्म हो गया है.
- कम बैलेंस की समस्या नहीं:
अगर आपके खाते में पैसे हैं, लेकिन फास्टैग का बैलेंस खत्म हो गया है, तो टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं. ई-मेंडेट सिस्टम के जरिए फास्टैग ऑटोमेटिक रिचार्ज हो जाएगा. - नेटवर्क की समस्या का समाधान:
कई बार नेटवर्क की कमी के कारण रिचार्ज करने में परेशानी होती थी, लेकिन अब सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम से यह समस्या भी खत्म हो जाएगी.
कैसे करें ई-मेंडेट सिस्टम को सक्रिय?
अगर आप भी फास्टैग के नए नियमों का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
- बैंक खाता लिंक करें:
- अपने फास्टैग खाते को अपने बैंक खाते से लिंक करें.
- यह काम फास्टैग प्रोवाइडर ऐप या वेबसाइट से किया जा सकता है.
2. ई-मेंडेट सेटअप करें:
- बैंक खाते में ई-मेंडेट एक्टिवेट करें.
- इसके लिए संबंधित बैंक की मदद लें.
3. ऑटो-डेबिट सीमा तय करें:
- आप अपनी आवश्यकता के अनुसार ऑटो-डेबिट लिमिट तय कर सकते हैं.
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
आरबीआई के अनुसार यह बदलाव लोगों की व्यस्त जीवनशैली और डिजिटल ट्रांजेक्शन में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
- समय की बचत:
फास्टैग रिचार्ज न करने की वजह से टोल प्लाजा पर रुकने और अतिरिक्त शुल्क चुकाने की समस्या को समाप्त किया गया है. - नेटवर्क की बाधाएं:
नेटवर्क समस्या के कारण रिचार्ज में देरी की समस्या भी खत्म होगी. - डिजिटल इंडिया को बढ़ावा:
यह कदम डिजिटल लेनदेन को और आसान बनाने के लिए है.
फास्टैग के फायदे
- कैशलेस ट्रांजेक्शन:
फास्टैग टोल भुगतान को पूरी तरह कैशलेस बनाता है. - समय की बचत:
टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती, जिससे समय बचता है. - कमीशन और अतिरिक्त शुल्क से बचाव:
बैलेंस खत्म होने पर अतिरिक्त शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी. - पर्यावरण के लिए बेहतर:
टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी लाइनों से बचने से ईंधन की बचत होती है और प्रदूषण कम होता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि फास्टैग के नए नियम भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजबूत करेंगे.
- ऑटोमेटिक रिचार्ज:
यह प्रणाली रिचार्ज के झंझट को खत्म कर ग्राहकों के लिए फास्टैग को और उपयोगी बनाएगी. - सुरक्षा और पारदर्शिता:
ई-मेंडेट से लेनदेन में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी.
वाहन चालकों की प्रतिक्रिया
फास्टैग के नए नियमों को लेकर वाहन चालकों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.
- कई यूजर्स का कहना है कि यह सुविधा उनके समय और धन दोनों की बचत करेगी.
- कुछ यूजर्स ने सुझाव दिया है कि ई-मेंडेट सिस्टम को और अधिक आसान बनाया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इसका लाभ उठा सकें.