School Closed: दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति हर दिन बदतर होती जा रही है. रविवार को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के करीब पहुंच गया, जो वायु प्रदूषण की सबसे खतरनाक श्रेणी है. इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार से GRAP-4 (ग्रैप-4) लागू करने के आदेश दिए हैं. इस चौथे चरण के तहत राजधानी में कई कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
स्कूल बंद, 10वीं और 12वीं को छूट
GRAP-4 लागू होने के बाद सरकार ने 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर बाकी सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है. इन विद्यार्थियों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से जारी रहेगी. यह कदम बच्चों को प्रदूषण के खतरनाक प्रभाव से बचाने के लिए उठाया गया है.
कॉलेज और अन्य संस्थानों पर भी फैसला संभव
सरकार ने यह संकेत दिया है कि GRAP-4 के तहत कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद किया जा सकता है. इससे पहले GRAP-3 के तहत पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद किया गया था. अब चौथे चरण के लागू होने से यह पाबंदियां और सख्त हो जाएंगी.
With the imposition of GRAP-4 from tmrw, physical classes shall be discontinued for all students, apart from Class 10 and 12. All schools will hold online classes, until further orders.
— Atishi (@AtishiAAP) November 17, 2024
GRAP-4: क्या हैं इसके नियम?
GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चौथे चरण में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कड़े कदम उठाए जाते हैं.
- निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध:
सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ के काम को रोक दिया जाता है. - कारखानों पर रोक:
प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों को बंद कर दिया जाता है. - वाहनों पर नियंत्रण:
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की आवाजाही पर सख्ती से रोक लगाई जाती है. - यातायात पर सख्ती:
गैर-जरूरी वाहनों के उपयोग को सीमित किया जाता है.
450 AQI के पार होते ही लागू होता है GRAP-4
जब किसी क्षेत्र का औसत AQI 450 से ऊपर चला जाता है, तो GRAP का चौथा चरण लागू कर दिया जाता है. यह दिल्ली के लिए सबसे गंभीर प्रदूषण स्तर को दर्शाता है. इसके तहत कई तरह के प्रतिबंधों के जरिए वायु प्रदूषण को कम करने की कोशिश की जाती है.
बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्रदूषण का खतरा
वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर पड़ता है. डॉक्टरों के अनुसार इस स्थिति में सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गंभीर फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. लोगों को सलाह दी गई है कि वे घर से बाहर न निकलें और अगर निकलना जरूरी हो तो मास्क का इस्तेमाल करें.
सरकार और प्रशासन के प्रयास
प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं. प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों पर सख्ती बरती जा रही है. सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए जनता से भी सहयोग की अपील की है.
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा:
सरकार ने मेट्रो और बस सेवाओं को प्राथमिकता देने की सलाह दी है. - आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता:
केवल आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों को ही सड़कों पर चलने की अनुमति दी जा रही है. - जनता से अपील:
लोगों को अपने निजी वाहनों का उपयोग कम करने और कार पूलिंग को अपनाने की सलाह दी गई है.
दिल्ली में प्रदूषण के कारण
दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ने के कई कारण हैं:
- पराली जलाना:
हर साल पराली जलाने के कारण दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है. - वाहनों का धुआं:
निजी वाहनों की अधिकता प्रदूषण का बड़ा कारण है. - निर्माण कार्य और कारखाने:
इनसे निकलने वाला धूल और धुआं हवा को जहरीला बनाता है.