25 से 29 नवंबर तक स्कूलों की छुट्टी घोषित, लगातार 5 दिन स्कूल रहेंगे बंद School Holiday

School Holiday: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में वन्य क्षेत्र के रिहायशी इलाकों में सामान्य वनमंडल के अंतर्गत एक ही रेंज में मादा बाघ और हाथियों के मूवमेंट ने वन विभाग के साथ-साथ ग्रामीणों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं. मादा बाघ के रिहायशी क्षेत्र में हाथियों की गतिविधियां और उनके द्वारा घरों और फसलों को नुकसान पहुंचाने के कारण स्थानीय लोग दहशत में हैं. इसी के मद्देनजर 25 से 29 नवंबर तक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है.

वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियां

पश्चिम करंजिया वन परिक्षेत्र के ठाढ़ पथरा वन ग्राम में शुक्रवार से मादा बाघ का मूवमेंट बना हुआ है.

  • शुक्रवार सुबह मादा बाघ ने एक घर के सामने बछिया का शिकार किया.
  • वन विभाग ने घटना के बाद ट्रैप कैमरा लगाया, जिसमें मादा बाघ की गतिविधियां रिकॉर्ड की गईं.
  • फोटो और वीडियो के माध्यम से पता चला कि मादा बाघ की उम्र तीन साल है.

वन विभाग ने वन्यजीवों पर नजर रखने के लिए तीन रेंज के कर्मचारियों की टीम तैनात की है.

ग्रामीणों को दी जा रही है सतर्कता की सलाह

वन विभाग ने ग्रामीणों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है.

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मुख्य निर्देश:

  1. खेत और बाजार जाने से बचें.
  2. रात में घर के बाहर रोशनी रखें.
  3. बच्चों को अकेले बाहर न जाने दें.

ग्रामीणों में खौफ इस कदर है कि वे न तो खेतों में जा रहे हैं और न ही स्कूल.

फसलों और घरों को नुकसान

जंगली हाथियों का एक दल आसपास के गांवों में फसलों और घरों को नुकसान पहुंचा रहा है.

प्रभावित गांव:

  • चकरार
  • उद्दौर
  • आम्हा
  • पंडरीपानी
  • ख्हारखुदरा
  • चकमी
  • ठाढ़ पथरा
  • इमली टोला

शनिवार रात को हाथियों ने चकरार गांव में फसलों को रौंदा.

  • प्रमिला गौंड, दिनेश पिता धनेश्वर और दिनेश पिता सुखदेव सिंह जैसे किसानों की फसलें नष्ट हो गईं.

स्कूलों में छुट्टियां घोषित

वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन ने 25 से 29 नवंबर तक सभी स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है.

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  • बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है.
  • स्कूलों में शारीरिक कक्षाएं बंद रहेंगी और जरूरत पड़ने पर ऑनलाइन कक्षाओं का ऑप्शन अपनाया जाएगा.

वन विभाग की रणनीति

वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने कई कदम उठाए हैं:

  1. ट्रैप कैमरे लगाए गए:
    बाघ और हाथियों की मूवमेंट का पता लगाने के लिए ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं.
  2. ग्रामीणों को सतर्क किया गया:
    वन विभाग के कर्मचारी नियमित रूप से गांवों में जाकर ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं.
  3. रेंज की टीम तैनात:
    तीन रेंज की टीम को प्रभावित क्षेत्र में निगरानी के लिए तैनात किया गया है.

फसलों और घरों को बचाने की कोशिश

वन विभाग के कर्मचारी हाथियों के मूवमेंट को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं.

उपाय:

  • ग्रामीणों से हाथियों के आने की सूचना तुरंत वन विभाग को देने का आग्रह किया गया है.
  • प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है.

मादा बाघ की स्थिति

मादा बाघ का मूवमेंट ग्रामीणों के लिए बड़ा खतरा बन गया है.

  • ट्रैप कैमरों में बाघ की रात और सुबह की गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं.
  • वन विभाग ने बाघ को जंगल के अंदर सुरक्षित रूप से भेजने की योजना बनाई है.

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