नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ट्रैफिक पुलिस की बड़ी कार्रवाई, धड़ाधड काट दिए 2537 चालान

गुरुग्राम में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू हो गया है. इसके बाद शहर में निर्माण कार्य और पुराने वाहनों पर सख्ती शुरू कर दी गई है. टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग और यातायात पुलिस ने शहर में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई तेज कर दी है.

निर्माण कार्यों पर सख्ती

ग्रेप चरण 4 लागू होने के बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने शहर की लाइसेंस कॉलोनियों और प्रोजेक्ट साइटों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है.

  • जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट (डीटीपीई) मनीष यादव के नेतृत्व में सहायक नगर योजनाकार और जूनियर इंजीनियरों की टीम ने साइटों का सर्वे शुरू किया.
  • टीम ने डीएलएफ और सुशांत लोक कॉलोनियों में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और फोटो खींचकर उल्लंघनकर्ताओं की सूची तैयार की.
  • मौके पर पाए गए नियम उल्लंघन के लिए 25-25 हजार रुपये के चार चालान काटे गए.
  • यह कदम एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.

पुराने वाहनों पर यातायात पुलिस की कार्रवाई

प्रदूषण नियंत्रण के मद्देनजर गुरुग्राम यातायात पुलिस ने पुराने वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं.

  • 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त किया जा रहा है.
  • पिछले चार दिनों में 19 वाहनों को जब्त किया गया, जबकि अब तक 2,537 वाहनों का चालान किया जा चुका है.
  • पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.

लोगों के लिए एडवाइजरी जारी

गुरुग्राम के लोगों को यातायात पुलिस की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के तहत एडवाइजरी जारी की गई थी. लेकिन इसके बावजूद कई वाहन चालक पुराने वाहनों के साथ सड़कों पर देखे गए.

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  • पुलिस ने 15 से 18 नवंबर के बीच 484 वाहनों का चालान किया, जिनमें 19 वाहन जब्त किए गए.
  • डीसीपी ट्रैफिक वीरेंद्र विज ने बताया कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.
  • उन्होंने नागरिकों से यातायात नियमों का पालन करने और पुराने वाहन चलाने से बचने की अपील की है.

प्रदूषण नियंत्रण की अब तक की प्रगति

15 से 18 नवंबर के बीच की गई कार्रवाई में:

  • प्रदूषण फैलाने वाले वाहन: 484
  • 10 साल पुराने डीजल वाहन: 19
  • बीएस 3 पेट्रोल वाहन: 532
  • बीएस 4 डीजल वाहन: 1,467
  • कुल चालान: 2,537

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रशासन और यातायात पुलिस मिलकर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गंभीरता से काम कर रहे हैं.

क्यों है ग्रेप चरण 4 जरूरी?

ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का चरण 4 दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति में लागू किया जाता है. इस चरण के तहत:

  1. निर्माण कार्य पर रोक: निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है.
  2. पुराने वाहन जब्त: 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाई जाती है.
  3. औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण: उच्च प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर भी सख्त निगरानी की जाती है.
  4. प्रदूषण की मॉनिटरिंग: वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की लगातार निगरानी की जाती है.

क्या कहते हैं अधिकारी?

डीटीपीई मनीष यादव का कहना है कि निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का मकसद धूल और अन्य प्रदूषणकारी तत्वों को कम करना है.

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  • उन्होंने बताया कि टीम द्वारा की गई कार्रवाई का उद्देश्य निर्माण स्थलों पर एनजीटी नियमों का पालन सुनिश्चित करना है.
  • वहीं, डीसीपी ट्रैफिक वीरेंद्र विज ने स्पष्ट किया कि नियम तोड़ने वालों पर नियमित कार्रवाई की जाएगी और पुराने वाहनों को जब्त किया जाएगा.

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