Delhi School Holiday: दिल्ली और एनसीआर में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सोमवार देर रात नए दिशा-निर्देश जारी किए. इन दिशा-निर्देशों के तहत ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) में बदलाव किया गया है. अब स्कूलों को हाइब्रिड मोड में चलाने का निर्णय लिया गया है, ताकि प्रदूषण और शिक्षा, दोनों के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके.
स्कूलों में हाइब्रिड मोड
सीएक्यूएम के नए निर्देशों के तहत अब दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों को हाइब्रिड मोड में संचालित किया जाएगा.
- ऑनलाइन और फिजिकल कक्षाएं:
अभिभावकों को यह ऑप्शन मिलेगा कि वे चाहें तो अपने बच्चों को स्कूल भेजें या घर से ऑनलाइन पढ़ाई करने दें. - राज्य सरकारों की भूमिका:
दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गौतम बुद्ध नगर में यह अनिवार्य किया गया है, जबकि एनसीआर के अन्य जिलों में इसे राज्य सरकार के विवेक पर छोड़ा गया है. - तत्काल प्रभाव:
ये निर्देश तुरंत लागू कर दिए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट की चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के कारण बंद स्कूलों से छात्रों को हो रही समस्याओं पर गहरी चिंता जताई.
मुख्य चिंताएं:
- मिड-डे मील से वंचित:
फिजिकल कक्षाओं के बंद होने से कई बच्चे मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) नहीं पा रहे हैं. - ऑनलाइन शिक्षा के संसाधन:
कई छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए आवश्यक डिवाइस या इंटरनेट कनेक्शन नहीं है. - शिक्षा का नुकसान:
नियमित कक्षाओं के न होने से छात्रों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में नियमित कक्षाओं को फिर से शुरू करने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि छात्रों का शैक्षणिक नुकसान कम हो सके.
दिल्ली की दमघोंटू हवा
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खराब हो रहा है.
- सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI):
रविवार के 318 से बढ़कर सोमवार को 349 हो गया, जो गंभीर स्थिति का संकेत है. - स्मॉग की परत:
पूरे दिन दिल्ली के आसमान पर स्मॉग की एक पतली परत छाई रही, जिससे प्रदूषण के स्तर की गंभीरता का पता चलता है.
आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति और खराब
स्विस कंपनी IQair और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों में अंतर होने के बावजूद दोनों ने अगले तीन से छह दिनों तक वायु गुणवत्ता के ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बने रहने की संभावना जताई है.
प्रदूषण के बढ़ने के कारण:
- सर्दी का मौसम:
ठंड के कारण हवा में नमी बढ़ती है, जिससे प्रदूषण कण हवा में फंस जाते हैं. - पराली जलाने का असर:
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का सीधा प्रभाव दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर पड़ता है. - वाहन प्रदूषण:
दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की संख्या प्रदूषण का बड़ा कारण है.
प्रशासन की नई पहल
सीएक्यूएम ने प्रदूषण से बचाव और शिक्षा को जारी रखने के लिए हाइब्रिड मोड की शिक्षा पद्धति को अपनाने का सुझाव दिया है.
- ऑनलाइन ऑप्शन:
छात्रों को घर से पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. - फिजिकल कक्षाएं:
जिन अभिभावकों को भरोसा है, वे बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं.