Electercity Price: संयुक्त विद्युत विनियामक आयोग (जे.ई.आर.सी.) ने चंडीगढ़ के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में बिजली दरों में 9.4% की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. यह बढ़ोतरी पहली अगस्त से लागू होगी. आयोग ने इस निर्णय को बिजली खरीद की लागत, राजस्व प्राप्ति और उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया है. हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन ने 19.44% की बढ़ोतरी की डिमांड की थी, जिसे खारिज कर दिया गया.
घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर प्रभाव
जे.ई.आर.सी. के आदेश के अनुसार, 0-150 यूनिट की खपत वाले घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर कोई एक्स्ट्रा बोझ नहीं डाला जाएगा. लेकिन अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए दरों में बढ़ोतरी होगी. यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि चंडीगढ़ अपना बिजली उत्पादन नहीं करता और केंद्रीय उत्पादन परियोजनाओं से बिजली खरीद पर निर्भर है.
बिजली खरीद और डिस्ट्रिब्यूशन की चुनौतियां
चंडीगढ़ की अधिकतम बिजली डिमांड इस साल 449 मैगावाट तक पहुंच गई है. बिजली की यह डिमांड बी.बी.एम.बी., एन.टी.पी.सी., एन.एच.पी.सी. और एन.पी.सी.आई.एल. जैसी केंद्रीय उत्पादन परियोजनाओं से पूरी की जा रही है. इन परियोजनाओं से बिजली खरीद की लागत में बढ़ोतरी होने के कारण टैरिफ बढ़ाना अनिवार्य हो गया.
2018-19 के बाद पहली बार टैरिफ में बढ़ोतरी
प्रशासन के अनुसार चंडीगढ़ में आखिरी बार बिजली दरों में बढ़ोतरी 2018-19 में की गई थी. इसके बाद, 2019-20 और 2020-21 में दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई. वित्त वर्ष 2021-22 में बिजली दरों में 9.58% की कमी की गई थी और 2022-23 में भी इसे 1% घटा दिया गया था.
निम्न आय वर्ग को राहत देने का वादा
चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने बैठक में निर्देश दिया कि निम्न आय वर्ग पर अतिरिक्त बोझ न डाला जाए. उन्होंने इंजीनियरिंग विभाग को टैरिफ में कमी और ऊर्जा ऑडिटिंग के माध्यम से बिजली वितरण और ट्रांसमिशन घाटे को कम करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, प्रशासन ने 2025-26 की टैरिफ याचिका तैयार करते समय गरीब उपभोक्ताओं को विशेष राहत देने पर विचार करने का आश्वासन दिया है.
पंजाब और हरियाणा की तुलना में कम दरें
पंजाब और हरियाणा की तुलना में चंडीगढ़ में बिजली दरें अब भी कम हैं. पंजाब में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें 7.75 रुपए प्रति यूनिट हैं, जबकि हरियाणा में यह दर वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए लोड स्लैब के आधार पर 7.05 से 7.38 रुपए प्रति यूनिट तक है. इसके विपरीत चंडीगढ़ में दरें इन राज्यों की तुलना में उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती हैं.
जाने आगे की प्लानिंग
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि वे बिजली टैरिफ को यथासंभव तर्कसंगत बनाने का प्रयास करेंगे. इसके लिए वितरण नेटवर्क में सुधार, ट्रांसमिशन लॉस को कम करने और प्रशासनिक खर्चों को नियंत्रित करने जैसे कदम उठाए जाएंगे. इसके अलावा निम्न आय वर्ग के लिए विशेष रियायतें देने की योजना पर भी काम किया जाएगा.