Ration Card: भारत सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने 20 नवंबर को बताया कि डिजिटलीकरण के प्रयासों से पीडीएस में व्यापक सुधार हुए हैं. इन कदमों से न केवल लाभार्थियों की पहचान में पारदर्शिता आई है, बल्कि 5.8 करोड़ नकली राशन कार्ड को रद्द किया गया है. यह पहल वैश्विक खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए एक नया मानक स्थापित कर रही है.
नकली राशन कार्ड की समस्या पर प्रहार
खाद्य मंत्रालय के अनुसार 5.8 करोड़ फर्जी राशन कार्ड को हटाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाया गया है. वर्तमान में 80.6 करोड़ लाभार्थियों को सेवा प्रदान की जा रही है. आधार आधारित वेरिफ़िकेशन और ई-केवाईसी (E-KYC) की प्रक्रिया ने इस समस्या के समाधान में अहम भूमिका निभाई है.
सभी राशन कार्ड का डिजिटलीकरण
सरकार ने पीडीएस प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए डिजिटलीकरण पर जोर दिया है. मंत्रालय के अनुसार 20.4 करोड़ राशन कार्डों में से 99.8 प्रतिशत को आधार से जोड़ा गया है. साथ ही 98.7 प्रतिशत लाभार्थियों की पहचान बायोमेट्रिक माध्यम से की गई है. यह कदम पात्र लाभार्थियों तक खाद्यान्न पहुंचाने और कालाबाजारी रोकने में सफल रहा है.
ई-केवाईसी की पहल और इसके फायदे
ई-केवाईसी पहल ने पीडीएस प्रणाली में पात्रता नहीं रखने वाले लाभार्थियों को अलग करने में मदद की है.
- 98% खाद्यान्न का वितरण: ई-केवाईसी के जरिए सत्यापन का उपयोग करते हुए किया जा रहा है.
- 64% लाभार्थियों का सत्यापन पूरा: बाकी लाभार्थियों के लिए प्रक्रिया जारी है.
- कालाबाजारी में कमी: ई-केवाईसी से कालाबाजारी की संभावनाएं कम हुई हैं.
राशन दुकानों पर ई-केवाईसी की सुविधा
सरकार ने लाभार्थियों के लिए किसी भी राशन दुकान पर ई-केवाईसी सुविधा प्रदान की है. इससे न केवल लाभार्थियों को सुविधा हुई है, बल्कि नकली राशन कार्ड के कारण हो रहे नुकसान को भी कम किया जा सका है.
पीडीएस में पारदर्शिता और जवाबदेही
डिजिटलीकरण और आधार से जुड़ी पहल ने पीडीएस प्रणाली को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाया है. राशन कार्डों के दोहराव को समाप्त कर केवल पात्र व्यक्तियों को ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत शामिल किया गया है.