हरियाणा में 27 नवंबर को स्कूल खुलेंगे या नही ? सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा डिसीजन Haryana School Holiday

Haryana School Holiday: प्रदूषण की गंभीर स्थिति के कारण हरियाणा में 1 से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया था. अब वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद हरियाणा शिक्षा विभाग ने 27 नवंबर से सभी स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है. यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी गाइडलाइनों के आधार पर लिया गया है.

वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद आया निर्णय

राज्य में बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को बंद किया गया था. सीएक्यूएम की निगरानी में वायु गुणवत्ता में सुधार के संकेत मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया. यह फैसला राज्य के बच्चों और अभिभावकों के लिए राहत भरा साबित हुआ है, क्योंकि लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी.

हाईब्रिड मोड में खुलेंगे स्कूल

हरियाणा शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि स्कूलों को हाईब्रिड मोड में खोला जाएगा. इसका मतलब यह है कि स्कूल अब ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों से कक्षाएं संचालित करेंगे. यह फैसला छात्रों और अभिभावकों को ऑप्शन प्रदान करता है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं या घर से पढ़ाई कराना चाहते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा: प्रदूषण के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था जारी रहेगी.
ऑफलाइन शिक्षा: स्कूलों में पढ़ाई सामान्य रूप से शुरू होगी, लेकिन कोविड-19 और प्रदूषण जैसी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सभी सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे.

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प्रदूषण का प्रभाव और शिक्षा पर प्रभाव

दिल्ली और एनसीआर की तरह हरियाणा में भी वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया था. प्रदूषण की वजह से बच्चों को सांस संबंधी बीमारियों और एलर्जी की समस्या होने लगी थी. इसके कारण:

  1. स्वास्थ्य पर असर: बच्चे बार-बार सर्दी-जुकाम और खांसी जैसी समस्याओं से पीड़ित हो रहे थे.
  2. पढ़ाई में बाधा: स्कूल बंद होने से बच्चों का शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो रहा था.
  3. ऑनलाइन शिक्षा का दबाव: कुछ परिवारों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए संसाधनों की कमी थी, जिससे बच्चों की पढ़ाई में कमी आ रही थी.

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका

प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को स्कूलों को बंद करने या खोलने के निर्णय लेने का अधिकार सौंपा था. इसके बाद आयोग ने हालात का आकलन करते हुए सुझाव दिया कि स्कूलों को हाईब्रिड मोड में चलाया जाए.

अभिभावकों और छात्रों के लिए राहत

शिक्षा विभाग के इस फैसले ने अभिभावकों और छात्रों को राहत दी है. लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा था, उसे अब कवर करने का प्रयास किया जाएगा. छात्रों के लिए यह फैसला इस मायने में भी अहम है कि उनकी पढ़ाई अब सामान्य हो सकेगी.

शिक्षा का सिलसिला फिर से सामान्य

स्कूलों के फिर से खुलने से छात्रों को अब अपने शैक्षणिक सत्र को सही तरीके से जारी रखने का मौका मिलेगा. हालांकि, सरकार और स्कूल प्रशासन का ध्यान बच्चों की सेहत और सुरक्षा पर रहेगा.

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