शादी के कितने दिन बाद बनवाना होता है मैरिज सर्टिफिकेट, जाने क्या होते है इसके फायदे Marriage Certificate

Marriage Certificate: शादी न केवल दो लोगों का मिलन होता है, बल्कि यह उनके परिवारों के बीच एक स्थायी बंधन का प्रतीक भी है. भारत में शादी को बेहद ही पवित्र माना जाता है, और इसमें अनेक रस्में और परंपराएँ शामिल होती हैं. इस उत्सव में जहां एक ओर ढेर सारी खुशियाँ और उमंग होती है, वहीं इसे कानूनी रूप देने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है.

मैरिज सर्टिफिकेट है एक कानूनी डॉक्युमेंट

मैरिज सर्टिफिकेट एक ऐसा कानूनी डॉक्युमेंट है जो शादी के बंधन को सरकारी मान्यता प्रदान करता है. यह सर्टिफिकेट न केवल विवाह का प्रमाण होता है, बल्कि यह कई कानूनी और व्यक्तिगत कार्यों में भी आपकी मदद करता है.

मैरिज सर्टिफिकेट के लिए समय सीमा और प्रक्रिया

भारतीय कानून के अनुसार शादी के 30 दिनों के अंदर मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना अनिवार्य होता है. यदि यह अवधि निकल जाए तो एक्स्ट्रा फीस के साथ आवेदन किया जा सकता है, और यह सुविधा शादी के 5 साल तक मान्य होती है.

ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन

मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया दो तरह से संभव है: स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय या ग्राम पंचायत और दूसरा ऑनलाइन. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सुविधाजनक और समय बचाने वाली होती है, जिससे इसे और भी आसान बना दिया गया है.

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आवेदन के लिए आवश्यक डॉक्युमेंट

मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कुछ जरुरी डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है, जैसे कि पति-पत्नी के जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, शादी की तस्वीरें और विवाह का निमंत्रण कार्ड. ये डॉक्युमेंट साबित करते हैं कि शादी कानूनी तौर पर मान्य है.

मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत

मैरिज सर्टिफिकेट कई प्रकार के कानूनी मामलों में आपकी मदद करता है, जैसे कि पासपोर्ट, वीज़ा आवेदन, बैंक खातों में नाम बदलने और संयुक्त संपत्ति में साझेदारी इत्यादि में. यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उनके अधिकारों और सुरक्षा की गारंटी देता है.

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