School News : हरियाणा सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान समाचार पत्र पढ़ने को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय छात्रों में समसामयिक घटनाओं की जानकारी, सोचने की क्षमता और आलोचनात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। शिक्षा विभाग के इस आदेश से विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
प्रार्थना सभा में क्यों पढ़ा जाएगा अखबार? School News
हरियाणा सरकार का मानना है कि दैनिक समाचार पत्र पढ़ने से छात्रों में सामान्य ज्ञान का विकास होगा।
- समाचार पत्र का महत्व: अखबार पढ़ने से बच्चों को देश-दुनिया की खबरों से अवगत होने का मौका मिलता है।
- सोचने और समझने की क्षमता: खबरों को पढ़ने और समझने से बच्चों की आलोचनात्मक सोचने की क्षमता में सुधार होगा।
- भाषा और लेखन में सुधार: नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने से बच्चों की भाषा शैली बेहतर होगी, जिससे उनकी लेखन क्षमता भी बढ़ेगी।
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह पहल बच्चों को एक जागरूक नागरिक बनाने में मदद करेगी।
आदेश में क्या लिखा गया है?
शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक विद्यालय में सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान दैनिक समाचार पत्र पढ़ा जाएगा। इस पहल के पीछे उद्देश्य यह है कि बच्चों को समसामयिक घटनाओं और महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जानकारी दी जा सके।
आदेश में कहा गया है:
“मैं प्रत्येक विद्यालय में प्रातःकाल की सभा के दौरान दैनिक समाचार पत्र पढ़ने की पहल शुरू करना चाहता हूँ। यह पहल विद्यार्थियों में समसामयिक घटनाओं की जानकारी, उनकी सोच और आलोचनात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए की गई है।”
छात्रों को क्या होगा फायदा?
सरकार की इस पहल से छात्रों को कई फायदे होंगे:
- समसामयिक घटनाओं की जानकारी: अखबार पढ़ने से बच्चे देश-विदेश की खबरों से अवगत रहेंगे।
- गंभीर विषयों पर विचार करने की क्षमता: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सोचने और समझने का नजरिया विकसित होगा।
- करियर में मदद: सामान्य ज्ञान प्रतियोगी परीक्षाओं और करियर के लिए फायदेमंद होगा।
- भाषा का विकास: अखबार पढ़ने से छात्रों की शब्दावली और व्याकरण में सुधार होगा।
- सामाजिक जागरूकता: बच्चों में सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। —
शिक्षकों की भूमिका और जिम्मेदारी
इस आदेश को लागू करने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
- शिक्षक सुनिश्चित करेंगे कि समाचार पत्र आसान और प्रासंगिक भाषा में पढ़ा जाए।
- बच्चों से चर्चा कर उन्हें खबरों के महत्व को समझाने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों की होगी।
- समाचार पत्र के चयन में ध्यान रखा जाएगा कि वह छात्रों के आयु समूह के अनुरूप हो और उसमें शिक्षाप्रद सामग्री शामिल हो।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है यह परंपरा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों में स्कूलों में अखबार पढ़ने की परंपरा पहले से मौजूद है।
- जापान और फिनलैंड जैसे देशों में स्कूलों में समाचार पत्र पढ़ना शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है।
- इन देशों का मानना है कि अखबार पढ़ने से बच्चे ज्ञानवान और जागरूक नागरिक बनते हैं।
हरियाणा सरकार की यह पहल शिक्षा को व्यावहारिक और प्रासंगिक बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।