Petrol-Diesel Price: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता का दौर जारी है. 23 नवंबर 2024 को भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. मार्च 2024 के बाद से इन कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय बाजार में तेल की कीमतें जस की तस बनी हुई हैं.
दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में तेल के दाम
23 नवंबर को विभिन्न शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम इस प्रकार हैं:
- दिल्ली:
पेट्रोल – ₹94.72 प्रति लीटर
डीजल – ₹87.62 प्रति लीटर - मुंबई:
पेट्रोल – ₹103.94 प्रति लीटर
डीजल – ₹89.97 प्रति लीटर - कोलकाता:
पेट्रोल – ₹103.94 प्रति लीटर
डीजल – ₹90.76 प्रति लीटर - चेन्नई:
पेट्रोल – ₹100.85 प्रति लीटर
डीजल – ₹92.44 प्रति लीटर
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर नहीं
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव का असर फिलहाल भारतीय बाजार पर नहीं देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर स्थिरता बनाए रखने के लिए कर व्यवस्था को संतुलित रखा है. इससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है और घरेलू बाजार में कीमतें स्थिर बनी हुई हैं.
स्थिर कीमतों से आम लोगों को राहत
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव न होने से आम जनता को राहत मिली है. स्थिरता के कारण परिवहन लागत में भी कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. खासकर रोजमर्रा के वाहन चालकों और परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह स्थिति फायदेमंद साबित हो रही है.
मार्च से क्यों नहीं बदली कीमतें?
पेट्रोल और डीजल की कीमतें मार्च 2024 से स्थिर बनी हुई हैं. इसका मुख्य कारण है सरकार की मूल्य निर्धारण नीति. सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए कर प्रणाली में बदलाव किया है. इससे न केवल कीमतों में स्थिरता आई है, बल्कि उपभोक्ताओं का बजट भी संतुलित रहा है.
कैसे जानें अपने शहर के दाम?
पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोजाना अपडेट की जाती हैं. आप अपने शहर के ताजा दाम जानने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- तेल कंपनियों के मोबाइल ऐप्स:
इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसे कंपनियों के ऐप्स पर रोजाना दाम अपडेट किए जाते हैं. - SMS के माध्यम से:
अपने मोबाइल से संबंधित कोड भेजकर भी आप अपने शहर के दाम जान सकते हैं.
सरकार का रुख
सरकार ने तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. करों में कमी और सब्सिडी जैसी नीतियों ने कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद की है. यह उपभोक्ताओं और उद्योग दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.