स्टैंडर्ड फ्यूल को मंजूरी मिलने से 75 रूपए प्रति लीटर मिलेगा पेट्रोल, नितिन गडकरी ने बताया पूरा प्लान Petrol Price Reduced

Petrol Price Reduced: देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतें आम आदमी के बजट पर भारी पड़ रही थीं. लेकिन अब राहत की खबर है कि सरकार ने स्टैंडर्ड फ्यूल को मंजूरी दे दी है. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि जल्द ही देश के हर पेट्रोल पंप पर स्टैंडर्ड फ्यूल उपलब्ध होगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है.

एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कई कार्यक्रमों में यह स्पष्ट किया है कि जल्द ही एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल देशभर में उपलब्ध होगा. एथेनॉल की कीमत आम पेट्रोल के मुकाबले कम है, जिससे वाहनों की ईंधन लागत में कमी आएगी. गडकरी ने बताया कि एथेनॉल आधारित पेट्रोल की कीमत लगभग 65 रुपये प्रति लीटर होगी. यह कदम न केवल आम लोगों की जेब पर असर डालेगा, बल्कि देश की ऊर्जा जरूरतों को भी संतुलित करेगा.

एथेनॉल का उत्पादन और उपयोग

एथेनॉल मुख्य रूप से गन्ने की फसल से बनाया जाता है, लेकिन इसे अन्य शर्करा वाली फसलों से भी तैयार किया जा सकता है. यह जैव ईंधन पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है. गडकरी ने कहा कि यदि पेट्रोल में 60% एथेनॉल और 40% बिजली का उपयोग किया जाए, तो इसकी कीमत 20 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है. हालांकि फिलहाल सरकार ने 20% एथेनॉल मिश्रण का फॉर्मूला तय किया है, जिससे पेट्रोल की कीमत में 25 रुपये तक की कमी आएगी.

एथेनॉल से चलने वाली कारें

गडकरी ने अपने बयान में बताया कि टोयोटा कंपनी ने एथेनॉल से चलने वाली कार लॉन्च कर दी है. यह कार गन्ने के जूस से चलती है और इसकी चलने की लागत मात्र 25 रुपये प्रति लीटर है. हालांकि आम जनता के लिए ये कारें कब से उपलब्ध होंगी, इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है. लेकिन सरकार और वाहन निर्माता कंपनियों के बीच इस पर बातचीत जारी है. यह कदम पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा.

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स्टैंडर्ड फ्यूल को मिली मंजूरी

सरकार ने स्टैंडर्ड फ्यूल को मंजूरी दे दी है, जिससे तेल कंपनियां इसे सीधे बाजार में बेच सकेंगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से ईंधन उद्योग में बड़ा बदलाव आएगा. अब तक एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर बेचा जाता था, लेकिन अब इसे स्वतंत्र रूप से उपयोग में लाया जा सकेगा. सरकार ने 2030 तक 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में अहम भूमिका निभाएगा.

पर्यावरण संरक्षण में योगदान

एथेनॉल न केवल सस्ता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर है. पेट्रोल-डीजल की तुलना में एथेनॉल कम प्रदूषण फैलाता है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा. इसके अलावा, यह कृषि क्षेत्र को भी मजबूती देगा, क्योंकि एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने और अन्य फसलों की मांग बढ़ेगी. इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी.

पेट्रोल-डीजल पर GST की उम्मीद

आम बजट में पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की उम्मीद की जा रही थी, जिससे कीमतों में कमी आ सकती थी. लेकिन बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया. हालांकि स्टैंडर्ड फ्यूल और एथेनॉल आधारित पेट्रोल की शुरुआत से सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है.

जनता के लिए बड़ा बदलाव

इस नई पहल से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद है. एथेनॉल आधारित ईंधन न केवल सस्ता है, बल्कि यह देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का स्थायी समाधान भी है. आने वाले समय में यह कदम आम जनता के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा.

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