School Holiday: हरियाणा सरकार ने गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को देखते हुए राज्य के कुछ हिस्सों में कक्षा 5वीं तक के स्कूल अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला लिया है. यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. बढ़ते प्रदूषण के कारण गुरुग्राम, सोनीपत, झज्जर, और रोहतक जैसे शहरों में स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं.
क्यों लिया गया स्कूल बंद करने का फैसला?
हरियाणा के कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. भिवानी, बहादुरगढ़, सोनीपत, जींद, रोहतक, कैथल, करनाल और गुरुग्राम जैसे शहरों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में है.
- AQI स्तर: इन क्षेत्रों का एक्यूआई 200 से 300 के बीच है, जो खराब श्रेणी में आता है.
- प्रदूषण के कारण: पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाला धुआं और निर्माण कार्यों के कारण वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है.
छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं होंगी आयोजित
सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी.
- दिशा-निर्देश: संबंधित उपायुक्त (DC) को निर्देश दिया गया है कि वे स्थानीय स्थिति के आधार पर GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के अनुसार आवश्यक कदम उठाएं.
- सरकारी और निजी स्कूल: आदेश सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा.
प्रभावित शहरों की सूची
हरियाणा में जिन शहरों की हवा खराब मानी जा रही है, उनमें प्रमुख शहर शामिल हैं:
- गुरुग्राम
- सोनीपत
- झज्जर
- रोहतक
- कैथल
- करनाल
- जींद
- बहादुरगढ़
इन क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है.
प्रदूषण के बच्चों पर प्रभाव
प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है.
- सांस की समस्या: खराब हवा में मौजूद प्रदूषक बच्चों के फेफड़ों को प्रभावित करते हैं.
- प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर: प्रदूषण के कारण बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है.
- दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं: लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन समस्याएं हो सकती हैं.
सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम
स्कूल बंद करने के अलावा सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए कई अन्य कदम उठाए हैं:
- पराली जलाने पर नियंत्रण: किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.
- वाहनों पर प्रतिबंध: प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है.
- निर्माण कार्यों पर रोक: निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं.
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा: निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग प्रोत्साहित किया जा रहा है.
क्या है GRAP?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) प्रदूषण से निपटने के लिए लागू की गई एक कार्य योजना है.
- लेवल 1: हवा की गुणवत्ता खराब होने पर वाहनों और निर्माण कार्यों पर नियंत्रण.
- लेवल 2: हवा की गुणवत्ता गंभीर होने पर स्कूल और उद्योग बंद.
- लेवल 3: प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने पर आपातकालीन कदम.
दीर्घकालिक समाधान की जरूरत
प्रदूषण एक मौसमी समस्या नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालिक चुनौती है.
- पराली प्रबंधन: किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी और उपकरण प्रदान किए जाने चाहिए.
- हरित उपाय: अधिक पेड़-पौधे लगाना और हरित क्षेत्र बढ़ाना आवश्यक है.
- स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग: कोयला और डीजल के स्थान पर सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना चाहिए.