School Holiday: दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के कई राज्य इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू कर दिया है. हरियाणा के 11 शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच चुका है, जबकि जींद में यह 500 के करीब है, जो खतरनाक स्थिति को दर्शाता है.
GRAP-3 के तहत कौन-कौन से प्रतिबंध लागू?
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP-3 के तहत कई सख्त कदम उठाए गए हैं.
- निर्माण कार्यों पर रोक:
निर्माण और तोड़फोड़ के काम पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. - डीजल जनरेटर का उपयोग प्रतिबंधित:
डीजल जनरेटर सेट्स का उपयोग केवल इमरजेंसी सेवाओं तक सीमित कर दिया गया है. - औद्योगिक इकाइयों पर सख्त निगरानी:
उन औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं जो प्रदूषण मानकों का उल्लंघन कर रही थीं. - वाहनों पर नियंत्रण:
पुराने और भारी प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है.
हरियाणा में स्कूल बंद करने पर विचार
प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पांचवीं कक्षा तक के स्कूल बंद करने का निर्णय जिला उपायुक्तों के विवेक पर छोड़ दिया है. शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन स्थिति के अनुसार कदम उठाएगा. बच्चों पर प्रदूषण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए उन्हें घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है.
स्वास्थ्य पर प्रदूषण का प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण का यह स्तर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए बेहद खतरनाक है. इसके कारण निम्न समस्याएं हो सकती हैं:
- सांस लेने में दिक्कत
- आंखों में जलन
- गले में खराश
- फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियां
डॉक्टरों का सुझाव है कि लोग कम से कम बाहर निकलें और एन95 मास्क का इस्तेमाल करें.
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता संकट
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है. यहां का AQI लगातार 400 से ऊपर बना हुआ है. गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर जैसे इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है. यहां GRAP-3 के तहत कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं.
प्रदूषण का कारण और समाधान
प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारणों में पराली जलाना, वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य और औद्योगिक गतिविधियां शामिल हैं. इनसे निपटने के लिए निम्न कदम उठाए जा सकते हैं:
- साफ ऊर्जा का इस्तेमाल:
कोयले की जगह सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना चाहिए. - सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा:
निजी वाहनों की संख्या कम करने के लिए मेट्रो और बस सेवाओं को बढ़ावा देना चाहिए. - पराली जलाने पर रोक:
किसानों को पराली जलाने के बजाय उसके निपटारे के अन्य विकल्प उपलब्ध कराए जाएं. - हरित क्षेत्र बढ़ाना:
शहरों में हरियाली बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए.
सरकार और प्रशासन की भूमिका
सरकार और प्रशासन ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन इनका प्रभाव तभी दिखेगा जब आम जनता भी अपनी जिम्मेदारी समझे. GRAP-3 जैसे सख्त नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है.