Tax Rules on Gold: धनतेरस और दिवाली के मौके पर सोने की खरीदारी भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. सोना न सिर्फ नारी के श्रृंगार में चार चांद लगाता है, बल्कि संकट के समय में एक मजबूत सहारा भी बनता है. इस आर्टिकल में हम सोने की खरीद पर लगने वाले टैक्स के बारे में डिटेल से जानेंगे ताकि आप इस धनतेरस और दिवाली पर अपनी खरीदारी को और भी समझदारी से तय कर सकें.
सोने की खरीदारी पर टैक्स के नियम
जब आप सोना खरीदते हैं तो आपको इस पर दो प्रकार के कैपिटल गेन टैक्स – लॉन्ग टर्म (LTCG) और शॉर्ट टर्म (STCG) कैपिटल गेंस का सामना करना पड़ता है. बजट 2024 के अनुसार LTCG की रेट को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है, यानी यदि आप सोने को दो साल से अधिक समय तक रखने के बाद बेचते हैं, तो आपको लाभ पर केवल 12.5% का टैक्स देना होगा. इसके अलावा इंडेक्सेशन के लाभ अब खत्म कर दिए गए हैं, जो पहले टैक्स बोझ को कम करने में मदद करते थे.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स और ETFs पर टैक्स
नई नीतियों के अनुसार गोल्ड म्यूचुअल फंड्स और ETFs पर भी टैक्स के नियम बदले गए हैं. अगर आपने 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच इनमें निवेश किया है, तो इसे चाहे कितनी भी जल्दी क्यों न बेचा जाए, उस पर आपकी आयकर स्लैब के अनुसार ही टैक्स लगेगा. यह निवेशकों को नए निवेश की योजना बनाते समय अधिक सावधानी बरतने के लिए इशारा करता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स है टैक्स फ्री
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) निवेशकों के लिए एक टैक्स फ्री ऑप्शन हैं, जब तक कि ये मैच्योरिटी पर भारतीय रिजर्व बैंक को वापस नहीं किए जाते. मैच्योरिटी पर इन्हें बेचने पर कोई LTCG टैक्स नहीं लगता है, जो इसे एक बढ़िया निवेश बनाता है. हालांकि अगर ये तीन साल से कम समय में बेचे जाते हैं, तो लाभ पर आयकर के अनुसार टैक्स लगता है.
गिफ्ट के रूप में मिले सोने पर टैक्स
अगर आपको धनतेरस या दिवाली पर सोना गिफ्ट में मिलता है, तो इस पर टैक्स के नियम लागू होते हैं. यदि यह गिफ्ट परिवार से मिला है तो आमतौर पर इस पर कोई टैक्स नहीं लगता, लेकिन अगर यह किसी अन्य से 50,000 रुपये से अधिक मूल्य का है, तो इसे आपकी टैक्स देने वाली कमाई में जोड़ा जाता है और टैक्स देना पड़ता है.