Bank Licence Cancelled: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार, 12 नवंबर 2024 को एक अहम कदम उठाते हुए विजयवाड़ा स्थित दुर्गा सहकारी शहरी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया. बैंक के पास पर्याप्त पूंजी की कमी और आने वाले समय में कमाई की संभावना न होने के कारण, केंद्रीय बैंक ने यह फैसला लिया. इस निर्णय के बाद, यह संभावना जताई जा रही है कि बैंक अपने ग्राहकों को उनकी जमा राशि लौटाने में सक्षम नहीं हो सकता, जिसके चलते आरबीआई ने उसे लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया.
पूंजी की कमी और कमाई की संभावना
आरबीआई ने बताया कि बैंक की वित्तीय स्थिति बहुत कमजोर थी. बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी, जिससे उसे अपनी दैनिक गतिविधियों और ग्राहकों को भुगतान करने में मुश्किलें आ रही थीं. इसके अलावा भविष्य में बैंक की कमाई की संभावनाएं भी काफी कम थीं, जिससे यह अंदाजा लगाया गया कि बैंक के पास अपने ग्राहकों को उनकी जमा राशि चुकाने का साधन नहीं होगा. ऐसे में यह निर्णय लिया गया कि बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए.
नुकसान की संभावना
आरबीआई के आदेश के मुताबिक इस बैंक के लाइसेंस रद्द होने से लगभग 4 प्रतिशत ग्राहकों को नुकसान हो सकता है. हालांकि यह खबर राहत देने वाली है कि 95.8 प्रतिशत ग्राहकों पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा. इन ग्राहकों के बैंक में जमा किए गए पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें उनकी पूरी राशि वापस मिल जाएगी. इसके लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) जिम्मेदार होगा, जो ग्राहकों को उनके जमा पर बीमा सुरक्षा प्रदान करता है. देश में प्रत्येक बैंक ग्राहक को 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर बीमा सुरक्षा मिलती है, जिससे ग्राहकों का वित्तीय नुकसान कम हो सके.
###डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) का अहम रोल
DICGC का मुख्य कार्य ग्राहकों के जमा पर बीमा सुरक्षा प्रदान करना है. जब कोई बैंक अपने ग्राहकों को पैसा नहीं चुका पाता, तो DICGC उनकी जमा राशि का भुगतान करता है. इस मामले में दुर्गा सहकारी शहरी बैंक के ग्राहकों को भी उनकी पूरी जमा राशि लौटाई जाएगी. 31 अगस्त 2024 तक DICGC ने बैंक के ग्राहकों को 9.84 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था, ताकि ग्राहकों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो. यह कदम पहले से ही उठाया गया था क्योंकि बैंक की वित्तीय स्थिति में गिरावट की संभावना पहले ही जताई जा चुकी थी.
नियमों का पालन न करने पर बैंक का लाइसेंस रद्द
आरबीआई ने दुर्गा सहकारी शहरी बैंक का लाइसेंस रद्द करने के फैसले के बारे में कहा कि बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के नियमों का पालन करने में असमर्थ रहा था. इसके बाद आरबीआई ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह फैसला लिया. बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की गई कि वित्तीय प्रणाली में कोई अस्थिरता न उत्पन्न हो और ग्राहकों के धन की सुरक्षा बनी रहे.
आंध्र प्रदेश सरकार को भी भेजे गए निर्देश
आरबीआई ने अपने आदेश में आंध्र प्रदेश राज्य सरकार को भी सूचित किया और राज्य के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने के लिए अनुरोध किया. इसके साथ ही इन संस्थाओं को बैंक को बंद करने के लिए एक लिक्विडेशन ऑफिसर नियुक्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं. यह कदम बैंक के कागजी कामकाज को खत्म करने और उसके पास मौजूद संपत्तियों को चुकता करने के लिए उठाया गया है.
गुरुवार से बैंक के संचालन में पूरी तरह से बंदी
आरबीआई ने 12 नवंबर 2024 से ही दुर्गा सहकारी शहरी बैंक के संचालन को पूरी तरह से बंद करने के निर्देश दिए थे. इस आदेश के बाद बैंक अब कोई भी वित्तीय लेन-देन नहीं करेगा और सभी बैंकिंग सेवाएं बंद हो गईं हैं. ग्राहकों को किसी भी प्रकार की बैंकिंग सेवा के लिए अब अन्य बैंक या वित्तीय संस्थानों की तरफ रुख करना होगा.
क्या था बैंक का इतिहास और क्यों आया यह कदम?
दुर्गा सहकारी शहरी बैंक विजयवाड़ा में स्थित एक पुराना सहकारी बैंक था. इस बैंक ने काफी समय तक स्थानीय स्तर पर अपनी सेवाएं दी थीं, लेकिन समय के साथ इसकी वित्तीय स्थिति कमजोर होती गई. बैंक के पास पर्याप्त पूंजी की कमी, साथ ही खराब कर्ज वसूली दरों ने इसकी हालत को और खराब किया. लगातार घाटे में चलने के कारण और नियमों का पालन न करने के कारण यह कदम उठाया गया.