BSNL में बिना सिम कर पाएंगे कॉलिंग और SMS, कंपनी लेकर आ रही है कमाल की तकनीक Satellite-to-Device

Satellite-to-Device: सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL ने भारत में Satellite-to-Device सर्विस लॉन्च करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. BSNL ऐसा करने वाली देश की पहली टेलीकॉम कंपनी बन गई है. यह सर्विस खासतौर पर उन क्षेत्रों में नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन की गई है, जहां मोबाइल नेटवर्क या वाई-फाई कनेक्टिविटी संभव नहीं होती. BSNL ने इस तकनीक को विकसित करने के लिए कैलिफोर्निया की कंपनी Viasat के साथ साझेदारी की है.

Satellite-to-Device सर्विस क्या है?

Satellite-to-Device सर्विस एक एडवांस तकनीक है जो यूजर्स को सीधे सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्टिविटी प्रदान करती है. इसका उपयोग उन जगहों पर किया जाएगा जहां पारंपरिक टेलीकॉम नेटवर्क पहुंच नहीं पाते. खासकर पहाड़ी और जंगली इलाकों में यह सर्विस एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है. इस सेवा की मदद से कॉलिंग, SOS (इमरजेंसी मेसेज) और UPI पेमेंट जैसे काम संभव हो पाएंगे.

रिमोट एरिया में नेटवर्क की समस्या का समाधान

भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां नेटवर्क उपलब्ध नहीं है. खासतौर पर पहाड़ी, जंगल और दूरदराज के इलाकों में लोग नेटवर्क की कमी से जूझते हैं. BSNL की यह सेवा उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी, जिन्हें इन क्षेत्रों में नेटवर्क की जरूरत होती है. आपातकालीन परिस्थितियों में SOS मेसेज और कॉलिंग की सुविधा जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है.

कॉलिंग और पेमेंट में मददगार

इस नई सेवा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह नेटवर्क-शून्य क्षेत्रों में भी कॉलिंग और मेसेजिंग को संभव बनाएगी. इसके अलावा UPI पेमेंट जैसी डिजिटल सुविधाएं भी इस सेवा के जरिए उपलब्ध होंगी. हालांकि, BSNL ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह सेवा सामान्य कॉलिंग और SMS के लिए कितनी उपयोगी होगी.

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Apple के फीचर से तुलना

Satellite-to-Device तकनीक को सबसे पहले Apple ने iPhone 14 सीरीज के साथ पेश किया था. हालांकि यह सेवा भारत में अभी उपलब्ध नहीं है. BSNL ने इस टेक्नोलॉजी को भारत में लाकर एक बड़ी छलांग लगाई है और यह देश की डिजिटल कनेक्टिविटी को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी.

कैसे काम करती है यह तकनीक?

Satellite-to-Device तकनीक में मोबाइल डिवाइस सीधे सैटेलाइट से जुड़ते हैं, जिससे पारंपरिक टावर नेटवर्क की आवश्यकता खत्म हो जाती है. यह तकनीक विशेष रूप से उन इलाकों में प्रभावी है जहां मोबाइल टॉवर लगाना मुश्किल है या संभव नहीं है.

कौन-कौन से क्षेत्र होंगे लाभान्वित?

  1. पहाड़ी इलाके: जहां नेटवर्क पहुंचना कठिन है.
  2. जंगली क्षेत्र: जहां दूरसंचार सेवाएं अब तक नहीं पहुंच पाईं.
  3. आपातकालीन क्षेत्र: प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मददगार.

यूजर्स के लिए फायदे

  • आपातकालीन सेवाएं: SOS मेसेज और कॉलिंग सुविधा.
  • डिजिटल लेन-देन: UPI पेमेंट संभव.
  • कनेक्टिविटी का विस्तार: बिना नेटवर्क वाले इलाकों में भी कनेक्टिविटी.

BSNL का यह कदम क्यों है खास?

BSNL की यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण कदम है. यह सर्विस उन लोगों को डिजिटल इंडिया मिशन का हिस्सा बनाएगी, जो अब तक नेटवर्क की सुविधा से वंचित थे.

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