Haryana Roadways: हरियाणा रोडवेज में तैनात बस ड्राइवर और कंडक्टरों के लिए अब फिटनेस एक अनिवार्य शर्त बन गई है. राज्य सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है कि जो कर्मचारी अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते, उन्हें मेडिकल रेस्ट पर भेजा जा सकता है. इस कदम का उद्देश्य न केवल ड्राइवरों और कंडक्टरों की भलाई सुनिश्चित करना है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखना है. सभी कर्मचारियों को स्वास्थ्य जांच से गुजरना होगा, ताकि उनकी फिटनेस सुनिश्चित की जा सके.
रोडवेज वर्कशॉप में लगेंगे मेडिकल कैंप
हरियाणा परिवहन विभाग ने सभी रोडवेज वर्कशॉप में मेडिकल कैंप लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है. इन कैंपों का आयोजन रोडवेज कर्मचारियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच के लिए किया जाएगा. जिला स्तर पर यह जिम्मेदारी रोडवेज महाप्रबंधकों को सौंपी गई है, जिनसे जिला सिविल सर्जन से संपर्क बनाने को कहा गया है. यह पहल सबसे पहले अंबाला में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जा रही है, जिसके बाद इसे पूरे हरियाणा में लागू किया जाएगा.
परिवहन मंत्री अनिल विज का कड़ा रुख
परिवहन मंत्री अनिल विज ने रोडवेज बस ड्राइवर और कंडक्टरों के स्वास्थ्य चेकअप के लिए सख्त निर्देश दिए थे. मंत्री विज का मानना है कि कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच नियमित रूप से होनी चाहिए ताकि उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहे. विज के आदेशों के बाद विभागीय अधिकारी इस योजना को तेजी से लागू करने में जुट गए हैं और राज्य के सभी जिलों में मेडिकल कैंप की तैयारी कर रहे हैं.
रोडवेज यूनियन की मांग ने दी पहल को गति
रोडवेज यूनियन की ओर से ड्राइवर और कंडक्टरों की स्वास्थ्य जांच की मांग की गई थी, जिसे मंत्री विज ने गंभीरता से लिया. यूनियन का कहना था कि अधिकांश रोडवेज कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच न होने के कारण वे कई बार अज्ञात बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह कैंप न केवल कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखेगा, बल्कि संभावित बीमारियों को शुरुआती चरण में पहचान कर उन्हें गंभीर रोगों से बचाने में भी मदद करेगा.
स्वास्थ्य जांच से बढ़ेगी कार्यक्षमता
रोडवेज कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच से उनकी कार्यक्षमता में भी सुधार होने की उम्मीद है. नियमित स्वास्थ्य जांच के कारण कर्मचारी अपनी बीमारियों से अवगत हो सकेंगे और आवश्यक इलाज समय पर करवा सकेंगे. इस योजना का एक और लाभ यह है कि यदि कोई कर्मचारी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित पाया जाता है, तो उसे चिकित्सा लाभ और आवश्यक विश्राम दिया जाएगा. इससे उनकी कार्यक्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वे अपने कार्यों को बेहतर ढंग से कर पाएंगे.
यात्रियों की सुरक्षा के लिए अहम कदम
यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से ड्राइवर और कंडक्टरों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है. बस ड्राइवर का स्वास्थ्य यदि ठीक नहीं है, तो उसकी गाड़ी चलाने की क्षमता पर असर पड़ सकता है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. इसलिए इस स्वास्थ्य जांच योजना का उद्देश्य केवल कर्मचारियों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना भी है.
नियमित हेल्थ चेकअप के फायदे
स्वास्थ्य जांच से कर्मचारियों को कई प्रकार के फायदे होंगे. स्वास्थ्य जांच से न केवल गंभीर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, बल्कि समय पर उपचार से उनकी कार्यक्षमता भी बेहतर होगी. इसके अलावा स्वस्थ कर्मचारी अपने काम को और अधिक बेहतर तरीके से कर पाएंगे. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी ड्राइवर या कंडक्टर को स्वास्थ्य समस्या पाई जाती है, तो उसे आराम करने की अनुमति दी जाएगी, ताकि वह जल्द ठीक होकर अपनी जिम्मेदारियों को संभाल सके.
हरियाणा के सभी जिलों में होगी योजना की शुरुआत
अंबाला में पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. हर जिले में सभी रोडवेज वर्कशॉप में यह मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे. परिवहन मंत्री विज ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस योजना को समयबद्ध तरीके से लागू करें ताकि कोई भी रोडवेज कर्मचारी स्वास्थ्य जांच से वंचित न रह जाए.
कर्मचारी और यात्री दोनों को होगा लाभ
इस योजना का लाभ न केवल रोडवेज कर्मचारियों को मिलेगा बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी. स्वस्थ ड्राइवर और कंडक्टर रोडवेज बसों का संचालन सुरक्षित रूप से कर पाएंगे. इससे दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी और यात्रियों का विश्वास भी बढ़ेगा.