मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति का पर्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पर्व को लेकर राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है और मकर संक्रांति के मौके पर 14 जनवरी 2025 को छुट्टी की घोषणा की है। इसके चलते प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इस आर्टिकल में हम आपको इस निर्णय की पृष्ठभूमि, महत्व और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में इसके आयोजन की जानकारी देंगे।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति हिंदू पंचांग के *अनुसार हर साल 14 जनवरी* को मनाया जाता है और यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का दिन होता है। इस दिन का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत अधिक है, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। भारतीय संस्कृति में यह दिन न केवल सूर्य पूजा का दिन है, बल्कि यह नया साल भी माने जाते हैं। खासकर मध्य प्रदेश में इस दिन का खास महत्व है क्योंकि यहां लोग इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं और विभिन्न धार्मिक क्रियाएं, जैसे नर्मदा स्नान, तिल-गुड़ खाना, हवन आदि करते हैं।
मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति पर छुट्टी की घोषणा
मध्य प्रदेश सरकार ने मकर संक्रांति के दिन छुट्टी का ऐलान कर दिया है। राजधानी भोपाल समेत राज्य के अधिकांश जिलों में कलेक्टरों ने छुट्टी का आदेश जारी किया है। इसका सीधा असर सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, और कॉलेजों पर पड़ेगा, जहां सभी संस्थान बंद रहेंगे। इस निर्णय से सरकारी कर्मचारियों और छात्रों को मकर संक्रांति के अवसर पर छुट्टी का फायदा मिलेगा और वे इस दिन को अच्छे से मना सकेंगे।
भोपाल में सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में छुट्टी
राजधानी भोपाल में मकर संक्रांति के अवसर पर सभी सरकारी दफ्तरों में छुट्टी रहेगी। वल्लभ भवन समेत अन्य प्रशासनिक दफ्तरों में कामकाज नहीं होगा। इसके अलावा जिला मुख्यालयों के दफ्तरों में भी छुट्टी का आदेश जारी किया गया है। भोपाल में करीब 60,000 सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं, जो इस छुट्टी का लाभ उठाएंगे। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं जैसे अस्पताल, पुलिस, दमकल, आदि जारी रहेंगी।
स्कूलों और कॉलेजों में भी छुट्टी घोषित कर दी गई है, ताकि छात्र और शिक्षक इस पर्व को अपने परिवार के साथ मना सकें। इंदौर और ग्वालियर जैसे शहरों में भी यह छुट्टी लागू रहेगी।
इंदौर में मकर संक्रांति का विशेष आयोजन
इंदौर में मकर संक्रांति का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहां के कलेक्टर आशीष सिंह ने भी मकर संक्रांति के दिन छुट्टी का ऐलान किया है। इंदौर में इस दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें पतंगबाजी, मकर संक्रांति मेले और धार्मिक आयोजन प्रमुख होते हैं। यहां पर विशेष रूप से लोहड़ी जलाने की परंपरा है, जो इस दिन का एक अहम हिस्सा होती है।
इंदौर के विभिन्न हिस्सों में विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि लोग मकर संक्रांति के अवसर पर उत्सव का आनंद उठा सकें। यहां के कई हिस्सों में लोक कला और संस्कृति का प्रदर्शन भी किया जाएगा, जो त्योहार के माहौल को और भी खास बना देगा।
मकर संक्रांति की धार्मिक मान्यताएं
मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति को लेकर विभिन्न धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं। यहां के लोग इस दिन विशेष रूप से धार्मिक नदियों में स्नान करने का महत्व मानते हैं, विशेष रूप से नर्मदा नदी में स्नान करने की परंपरा है। नर्मदा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, इस विश्वास के चलते भारी संख्या में भक्त इस दिन नर्मदा तट पर पहुंचते हैं।
साथ ही, मकर संक्रांति की शुरुआत तिल और गुड़ खाने की परंपरा भी है। यह परंपरा इस दिन को एक नए उत्साह और सकारात्मकता के साथ शुरू करने के रूप में देखी जाती है। तिल और गुड़ खाने से शरीर को ठंडक मिलती है और साथ ही यह एक सुखद और मधुर जीवन की कामना का प्रतीक भी होता है।
मकर संक्रांति पर विशेष तैयारियां
मकर संक्रांति के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और विशेष पकवान तैयार करते हैं। इस दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू, खिचड़ी, और अन्य मिठाइयों का सेवन किया जाता है। खासकर मध्य प्रदेश में यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्यौहार का आनंद लेते हैं।
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में विशेष मेले और आयोजनों का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग विभिन्न पारंपरिक खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
मकर संक्रांति के बाद क्या होगा?
मकर संक्रांति के बाद, प्रदेश में मौसम भी बदलने लगता है और ठंड का असर कुछ कम हो जाता है। इसके साथ ही यह पर्व कृषि समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह फसल कटाई का समय होता है। किसान अपनी मेहनत का फल इस दिन के अवसर पर मना सकते हैं और समाज में खुशियों का संचार कर सकते हैं। मकर संक्रांति का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाजिक एकता और मेल-मिलाप का भी प्रतीक है। इस दिन को लेकर प्रदेश में लोगों में विशेष उत्साह और उमंग रहती है, जो त्योहार की खुशी को और बढ़ा देती है।