RBI Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस नवंबर में अब तक 13 बैंकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. पिछले हफ्ते साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड (मॉनेटरी पेनल्टी) लगाने के बाद अब आरबीआई ने दो सहकारी बैंकों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है. नियमों के उल्लंघन के कारण पश्चिम बंगाल स्थित बल्ली को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और गुजरात के सथांबा पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अरावली पर 50,000 रुपये की पेनल्टी लगाई गई है.
आरबीआई का एक्शन
पश्चिम बंगाल में स्थित बल्ली को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हावड़ा को आरबीआई की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रायोरिटी क्रेडिट लेंडिंग (PCL) लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने पर जुर्माना भुगतना पड़ा. बैंक ने सिडबी (SIDBI) के पास पुनर्वित्त कोष में तय राशि जमा नहीं की थी. इस मामले में आरबीआई ने कई बार चेतावनी पत्र भी जारी किए थे, लेकिन बैंक नियमों का पालन नहीं कर पाया. जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद आरबीआई ने इस पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया.
केवाईसी उल्लंघन के लिए पेनल्टी
गुजरात के अरावली स्थित सथांबा पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 50,000 रुपये की पेनल्टी लगाई गई है. इस बैंक ने केवाईसी (KYC) के नियमों का पालन नहीं किया. आरबीआई के नियमानुसार बैंकों को अपने ग्राहकों के खातों का नियमित आधार पर जोखिम वर्गीकरण और केवाईसी प्रक्रिया का अपडेशन करना आवश्यक है. बैंक के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे ग्राहकों के केवाईसी का समय-समय पर पुनरावलोकन किया जा सके. इसके अलावा 6 महीने में एक बार खातों के जोखिम वर्गीकरण की समीक्षा भी नहीं की गई, जो कि एक गंभीर अनुपालन कमी है.
क्या ग्राहकों पर पड़ेगा इस कार्रवाई का असर?
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल बैंकों के विनियामक अनुपालन में आई कमियों पर आधारित है. आरबीआई का उद्देश्य इस कार्रवाई से ग्राहकों और बैंकों के बीच हो रहे किसी भी प्रकार के लेनदेन या समझौते को प्रभावित करना नहीं है. यानी ग्राहकों की जमा राशि और उनके बैंकिंग लेनदेन पर इस एक्शन का कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. यह कार्रवाई केवल बैंकों को उनके विनियामक दायित्वों के प्रति सचेत करने के लिए की गई है, ताकि वे ग्राहकों की सुरक्षा और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित कर सकें.
आरबीआई का उद्देश्य
आरबीआई का मुख्य उद्देश्य वित्तीय प्रणाली में अनुशासन को बनाए रखना है. आरबीआई नियमित रूप से बैंकों के विनियामक अनुपालन का निरीक्षण करता है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और नियमों का उल्लंघन रोका जा सके. यह कार्रवाई उन बैंकों के लिए एक चेतावनी है जो नियमों का पालन नहीं करते हैं. इससे बैंकिंग सेक्टर में भरोसे का माहौल बना रहता है और ग्राहक सुरक्षित रहते हैं.
केवाईसी अनुपालन का महत्व
केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया बैंकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. इससे बैंक अपने ग्राहकों की सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी और जोखिम को कम कर सकते हैं. आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी बैंकों को समय-समय पर ग्राहकों की जानकारी अपडेट करनी होती है और उनके खातों का जोखिम स्तर जांचना होता है. केवाईसी के नियमों का पालन न करने से बैंकों को न केवल पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि इससे बैंक की छवि भी खराब हो सकती है.
प्रायोरिटी क्रेडिट लेंडिंग (PCL) का अनुपालन क्यों जरूरी?
आरबीआई द्वारा निर्धारित प्रायोरिटी क्रेडिट लेंडिंग (PCL) का उद्देश्य समाज के कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. इसके तहत बैंकों को एक निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कृषि, लघु उद्योग, शिक्षा और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में लोन देना होता है. बल्ली को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति न कर पाने के कारण आरबीआई ने उन पर जुर्माना लगाया है.
आरबीआई की आगे की रणनीति
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि वह ऐसे सभी बैंकों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा जो नियमों का पालन नहीं करते हैं. इस महीने अब तक आरबीआई ने 13 बैंकों पर कार्रवाई की है, जो बताता है कि केंद्रीय बैंक वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा. इसके अलावा आरबीआई ने अन्य बैंकों को भी चेतावनी दी है कि वे अपने कार्यों में पारदर्शिता और विनियामक नियमों का सख्ती से पालन करें.