Haryana BPL Card Action : हरियाणा सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे (BPL) कार्ड की सूची में बड़ी सफाई करते हुए फर्जी कार्ड धारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। जिन परिवारों ने गलत आय दिखाकर BPL कार्ड बनवाए थे, उन्हें अब इस श्रेणी से बाहर किया जा रहा है। सरकारी जांच के बाद 1 लाख से अधिक राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। इसके चलते इन परिवारों को जुलाई 2025 से सरकारी राशन नहीं मिलेगा।
दो महीने में 4.45 लाख कार्ड रद्द, सैनी सरकार का बड़ा फैसला
सरकार की इस मुहिम की शुरुआत पिछले महीने से हुई थी। मई 2025 में 3.27 लाख BPL कार्ड रद्द किए गए थे। अब जून में 1,17,361 कार्ड और रद्द किए गए हैं। इस तरह बीते दो महीनों में कुल 4.45 लाख परिवारों को BPL सूची से बाहर किया गया है। इनका राशन कार्ड भी अब मान्य नहीं रहेगा।
52 लाख से घटकर रह गई BPL कार्डधारकों की संख्या
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में हरियाणा में कुल BPL कार्ड की संख्या 52,50,740 थी। इन कार्डों से जुड़े कुल सदस्यों की संख्या लगभग 1 करोड़ 99 लाख 36 हजार 943 थी। लेकिन जांच और कार्रवाई के बाद अब BPL कार्डधारकों की संख्या घटकर 48,05,547 रह गई है, और कुल सदस्यों की संख्या 1 करोड़ 82 लाख 55 हजार 148 हो गई है।
गलत आय दिखाकर बनाए गए थे लाखों BPL कार्ड
राज्य सरकार ने जब BPL श्रेणी की जांच शुरू की तो पाया गया कि बड़ी संख्या में राशन कार्ड फर्जी आय के आधार पर बनाए गए हैं। मई में 3,27,832 और जून में 1,17,361 राशन कार्ड ऐसे पाए गए जो नियमों के विपरीत थे। इन्हें तुरंत BPL श्रेणी से बाहर कर दिया गया।
किन जिलों में काटे गए सबसे ज्यादा राशन कार्ड? देखें आंकड़े
सरकार ने जिलेवार आंकड़े भी साझा किए हैं, जिससे पता चलता है कि कौन से जिलों में सबसे ज्यादा BPL कार्ड रद्द किए गए:
- यमुनानगर: 7290
- सोनीपत: 7059
- अंबाला: 6011
- करनाल: 5423
- कुरुक्षेत्र: 5092
- कैथल: 4409
- पानीपत: 4473
- भिवानी: 4449
- रोहतक: 4669
- झज्जर: 4116
- चरखी दादरी: 2793
सरकार की चेतावनी: गलत जानकारी देने वालों पर होगी कार्रवाई
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई गलत जानकारी देकर सरकारी लाभ लेता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में बीपीएल लिस्ट की नियमित जांच की जाएगी ताकि केवल योग्य लाभार्थियों को ही लाभ मिल सके।
आगे क्या? नए आवेदनों में होगी सख्त निगरानी
सरकार अब नए BPL कार्ड बनाने की प्रक्रिया में भी सख्ती बरतेगी। सभी आवेदनों की आय, जमीन और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सिर्फ जरूरतमंद ही योजना का लाभ उठाएं।