सरकारी स्कूलों में 38 दिनों का शीतकालीन अवकाश घोषित, 1 फरवरी को खुलेंगे स्कूल School Holiday

School Holiday : चकराता क्षेत्र में इस सीजन की पहली बर्फबारी के बाद प्रशासन ने शीतकाल के दौरान राहत कार्यों के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. हर साल इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी के चलते मार्ग बंद होने और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस बार प्रशासन ने पहले से ही ठोस कदम उठाकर इन समस्याओं को कम करने की योजना बनाई है.

शीतकालीन अवकाश छात्रों के लिए राहत की खबर

चकराता ब्लॉक के 156 सरकारी विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश की घोषणा की गई है.

  • यह अवकाश 25 दिसंबर से 31 जनवरी तक रहेगा.
  • दुर्गम क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है, जिसके चलते छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
  • अवकाश के दौरान बच्चे अपने घरों में सुरक्षित रह सकेंगे और ठंड के मौसम का आनंद ले सकेंगे.

खाद्यान्न आपूर्ति तीन महीने का एडवांस स्टॉक

बर्फबारी के दौरान खाद्यान्न संकट की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही तीन महीने का राशन भेजने की व्यवस्था की है.

  • छह खाद्यान्न गोदामों में दिसंबर, जनवरी और फरवरी का राशन स्टॉक किया जा रहा है.
  • कालसी ब्लॉक को छोड़कर अन्य सभी गोदामों में राशन का भंडारण इस सप्ताह पूरा कर लिया जाएगा.
  • जिला पूर्ति अधिकारी के अनुसार, आपूर्ति में किसी प्रकार की रुकावट न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया है.

बर्फ हटाने और मार्गों की सफाई के इंतजाम

बर्फबारी के कारण सड़क मार्गों का बंद होना इस क्षेत्र की आम समस्या है. इसे देखते हुए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं.

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  • आठ जेसीबी और एक स्नो कटर को तैनात किया गया है ताकि बर्फ हटाने का काम तेजी से किया जा सके.
  • प्रमुख मार्गों जैसे त्यूणी-चकराता-मसूरी-मलेथा राष्ट्रीय राजमार्ग और कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
  • मार्गों पर चूने का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे फिसलन कम हो और यातायात सुचारू रहे.

पेयजल संकट से निपटने की योजना

बर्फबारी के दौरान तापमान माइनस में पहुंचने से जलस्रोत जम जाते हैं, जिससे पेयजल संकट उत्पन्न होता है.

  • ग्रामीण छतों पर जमा बर्फ को पिघलाकर पानी के रूप में उपयोग करते हैं.
  • ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग इस स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही पानी संग्रह की व्यवस्था कर लेते हैं.

लकड़ी और खाद्यान्न का स्टोरेज

ऊंचाई वाले क्षेत्रों के ग्रामीण शीतकाल की कठिनाइयों से बचने के लिए पहले से ही अपनी तैयारियां कर लेते हैं.

  • लकड़ी का भंडारण: ग्रामीण ठंड में खाना पकाने और पानी गर्म करने के लिए लकड़ी काटकर पहले से जमा कर लेते हैं.
  • खाद्यान्न और जरूरी सामान: तीन महीने का राशन और अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री भी पहले से जुटा ली जाती है.
  • पशुपालन: पशुपालक अपने जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें निचले क्षेत्रों में ले जाते हैं.

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